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राफेल घोटाला से सरकारी खजाना को भारी नुकसान : राष्ट्रीय सचिव

फोटो- 15 केएसएन 48, संवाद सहयोगी, किशनगंज : देश की सुरक्षा के मद्?देनजर यूपीए सरकार न

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 11:33 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 11:33 PM (IST)
राफेल घोटाला से सरकारी खजाना को भारी नुकसान : राष्ट्रीय सचिव
राफेल घोटाला से सरकारी खजाना को भारी नुकसान : राष्ट्रीय सचिव

फोटो- 15 केएसएन 48,

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संवाद सहयोगी, किशनगंज : देश की सुरक्षा के मद्?देनजर यूपीए सरकार ने एयर फोर्स की जरूरत के अनुसार 126 लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला लिया था। 12 दिसंबर 2012 को खुली अंतर्राष्ट्रीय बोली के अनुसार प्रत्येक राफेल की कीमत 526.10 करोड़ रुपये तय किए गए थे। लेकिन वर्तमान मोदी सरकार ने राफेल विमान की संख्या 126 से घटा कर 36 कर दी। साथ ही प्रत्येक राफेल लड़ाकू विमान की कीमत बढ़ा कर 1,670.70 करोड़ रुपये कर दिए। जिसके कारण देश के खजाने से 41,205 करोड़ रुपये अधिक फ्रांस की कंपनी को अदा करनी पड़ेगी। इन सब तथ्यों को देखते हुए ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार देश की सुरक्षा के साथ भी भ्रष्टाचार की नीति पर उतर गई है। शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव विधायक डॉ. मो. जावेद आजाद ने टाउन हॉल के निकट पार्टी द्वारा आयोजित धरने में कही। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायु सेना ने 126 राफेल लड़ाकू विमान की जरूरत बताई थी। चीन और पाकिस्तान के हमेशा सीमा पर फाय¨रग को देखते हुए यूपीए सरकार ने फ्रांस की विमान कंपनी को लड़ाकू विमान की खरीदारी के लिए एकरारनामा किया था। जिसमें 18 लड़ाकू विमान फ्रांस से और शेष 108 लड़ाकू विमान ट्रांसफर ऑफ टेक्नालॉजी के तहत हिन्दुस्तान एरोनेटिक्स लिमिेटेड द्वारा बनाया जाना था। लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने एयर फोर्स की जरुरत को दरकिनार कर दिया। राफेल घोटाला से सरकारी खजाना को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री बढ़ी हुई कीमत पर राफेल की खरीदारी पर गोपनीयता की शर्त को सामने रख रहे हैं। लेकिन राफेल की खरीदारी में भारत और फ्रांस के बीच ऐसा कोई भी शर्त नहीं है, जो बढ़े हुए मूल्य को बताने से रोकती हो। विमान की खरीदारी पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी को दरकिनार करते हुए डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसिजर की धज्जियां उड़ा दी गई। साथ ही ट्रासंफर ऑफ टेक्नॉलाजी को भी बलि का बकरा बना दिया गया। वर्तमान केंद्र सरकार ने सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से 36,000 करोड़ का ऑफसेट कान्ट्रैक्ट वापस लेकर रिलायंस को 30,000 करोड़ का डिफेंस ऑफसेट कान्ट्रैक्ट और 1,00,000 करोड़ रुपये का लाइफ साइकल कॉन्ट्रैक्ट दिया। इससे भी स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों की सरकार है। धरना के बाद कार्यकर्ताओं का शिष्टमंडल डीएम महेन्द्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान मुख्य रूप से कांग्रेस जिलाध्यक्ष ¨पटू चौधरी, प्रो. शफी, लाल मोहम्मद, नदीम अंसारी, सरफराज खान, ईमाम अली ¨चटू, नगर अध्यक्ष आदर्श कुमार साहा, रमेश जहैन, शमशीर अहमद उर्फ दारा, तौसिफ अंजर, बाबर अली और मो. शफीक सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।


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