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आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने वाली महिला प्रत्याशी लगा रहीं मायके की चक्कर

किशनगंज। सीमावर्ती क्षेत्र से सटे किशनगंज जिला का ठाकुरगंज प्रखंड की कई पंचायतें पश्चिमी दि

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 11:24 PM (IST)
आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने वाली महिला प्रत्याशी लगा रहीं मायके की चक्कर

किशनगंज। सीमावर्ती क्षेत्र से सटे किशनगंज जिला का ठाकुरगंज प्रखंड की कई पंचायतें पश्चिमी दिशा में नेपाल राष्ट्र की सीमा और उत्तर व पूर्व में पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से जुड़ी हैं भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है जिससे हमारे यहां की बेटी नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में ब्याही जाती हैं। वहीं, नेपाल से भी हमारे यहां ब्याही जाती हैं। यह परंपरा वर्षों से चला आ रहा है। बिहार में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में नेपाल से शादी करके लाई हुई बहुओं को यहां आरक्षित पद पर चुनाव लड़ने अब परेशानी उत्पन्न हो गई है।

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ठाकुरगंज प्रखंड के ग्राम पंचायत भातगांव, चुरली, भोगडाबर, दल्लेगांव, तात्पौवा, मालिनगांव व बन्दरझुला नेपाल सीमा से तथा भातगांव, कुकुरबाघी, बेसरबाटी, पथरिया व सखुआडाली पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की सीमा से सटी हुई है। इन पंचायतों में नेपाल से सटे होने के कारण नेपाल इलाके के कई लड़कियों की शादी प्रखंड इस क्षेत्रों में हुई है। एसी महिलाएं अब पंचायत चुनाव में आरक्षित पद पर चुनाव लड़ने के पात्र उम्मीदवार नहीं होंगे। इस संबंध में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी राजेश कुमार बताते हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि नेपाल से निर्गत जाति प्रमाण पत्र यहां मान्य नहीं होगा। साथ ही अन्य राज्यों के भी जाति प्रमाणपत्र मान्य नहीं होंगे। आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राज्य सरकार के अधीन निर्गत जाति प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। बताया कि वह अभ्यर्थी पंचायत चुनाव में आरक्षित पद पर चुनाव नहीं लड़ सकेंगी। यदि उन्हें यहां पंचायत चुनाव में लड़कर जनप्रतिनिधि बनना है तो अनारक्षित कोटे की सीट पर ही चुनाव लड़ सकते हैं। साथ ही राज्य की महिला प्रत्याशियों को भी यदि पंचायत चुनाव लड़ना होगा तो उन्हें अपने पिता के घर अर्थात मायके से संबंधित अंचल कार्यालय से निर्गत जाति प्रमाण पत्र नामांकन पत्र के साथ संलग्न करने होंगे। इस निर्देश का पालन करने के लिए अभी से ही चुनाव लड़ने वाली प्रत्याशी महिलाएं मायके की चक्कर लगा रही है।

मायके से बने जाति प्रमाण पत्र होंगे मान्य राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद ससुराल में रह रही आरक्षित कोटि की संभावित महिला प्रत्याशी को मायके से संबंधित अंचल कार्यालय से जाति प्रमाणपत्र मान्य होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने आरक्षित किए गए सीटों पर चुनाव लड़ने वाली महिलाओं को पति के बजाय पिता के नाम के साथ जाति प्रमाण पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। चुनाव मैदान में उतरने वाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटों पर महिला प्रत्याशियों को अपने मायके यानि पिता के घर के अंचल कार्यालय पहुंच जाति प्रमाण पत्र के लिए आनलाइन आवेदन करने होंगे। ज्ञात हो कि वर्ष 2016 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान मुखिया सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला पार्षद, पंच और वार्ड पद से अपना भाग्य अजमा रही आरक्षित कोटि की महिला प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य किया गया था। ठाकुरगंज में 63 पद महिला कोटि के लिए है आरक्षित ठाकुरगंज प्रखंड में मुखिया पद पर दो, सरपंच पद पर दो, पंचायत समिति सदस्य पद पर पांच, वार्ड सदस्य पद पर 27 तथा पंच सदस्य पद पर 27 सहित कुल 63 पद पर महिला कोटि के विभिन्न आरक्षित सीटों का चुनाव होना है।


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