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स्टेट डेस्क: चाय बागान में कब्जा जमाए आदिवासियों के हमले में दो घायल

किशनगंज। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के सखुआडाली पंचायत के धुलाबाड़ी गांव में अनवारुल के चाय बागा

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 06:34 AM (IST)
स्टेट डेस्क: चाय बागान में कब्जा जमाए आदिवासियों के हमले में दो घायल
स्टेट डेस्क: चाय बागान में कब्जा जमाए आदिवासियों के हमले में दो घायल

किशनगंज। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के सखुआडाली पंचायत के धुलाबाड़ी गांव में अनवारुल के चाय बागान में पिछले 15 दिनों से कब्जा जमाए आदिवासियों से मंगलवार को वार्ता करने पहुंचे बागान मालिक व उनके परिजन तीर से हमला कर दिया। जिसमें मो. मुस्ताक व इम्तियाज घायल हो गए। दोनों घायलों को देख बागान मालिक पक्ष के लोग भी आक्रोशित हो गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस बीच ठाकुरगंज के बीडीओ और सीओ पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। घायल मो. मुस्ताक और इम्तियाज की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए किशनगंज रेफर कर दिया गया।

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इधर घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा, एसपी कुमार आशीष, एसडीएम शहनवाज अहमद निजामी व एसडीपीओ डॉ. अखिलेश कुमार सहित ठाकुरगंज सर्किल इंस्पेक्टर आदि मौके पर पहुंचे। डीएम व एसपी ने चाय बागान में कब्जा जमाए आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच जाकर शांति बनाए रखने की अपील की। जिसपर आदिवासियों ने कहा कि वे लोग भूमिहीन हैं और उन्हें घर के लिए जमीन चाहिए। जिलाधिकारी ने उन्हें 26 मई तक जमीन बंदोबस्त कर बासगीत पर्चा बनाकर दिए जाने का आश्वासन दिया। अपनी मांग पर अड़े आदिवासियों का कहना था कि जब तक उन्हें बासगीत पर्चा नहीं मिल जाता तब तक वे लोग यहीं रहेंगे।

एसपी कुमार आशीष ने सुरक्षा के लिहाज से तबतक के लिए चाय बागान में पुलिस कैंप लगाने का निर्देश दिया। मौके पर पुलिस पदाधिकारी के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। डीएम और एसपी के जाने के बाद भी तमाम वरीय पदाधिकारी व पुलिस प्रशासन घटना स्थल पर जमे हुए हैं और दोनो पक्षों की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

बताते चलें कि 30 अप्रैल को 56 आदिवासी परिवारों ने पारंपरिक हथियार से लैस होकर मो. अनवारुल के चाय बागान पर कब्जा जमाया था। इसके बाद एसडीएम, एसडीपीओ, सीओ व सर्किल की पुलिस मौके पर पहुंचकर सुलह कराने की कोशिश भी किए लेकिन आदिवासी बागान में डटे रहे। आदिवासी समुदाय के लोग गत 15 दिनों से एक ही बात पर अड़े हैं जब तक हम भूमिहीन आदिवासियों को रहने के लिए प्रशासन जमीन मुहैया नहीं कराती है तब तक वे यहीं बने रहेंगे।


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