जीप से चलते थे प्रत्याशी और साइकिल से घर-घर वोट मांगते थे समर्थक
किशनगंज । पोठिया प्रखंड के बुढ़नई पंचायत स्थित गंजाबाड़ी निवासी सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक हाज
किशनगंज । पोठिया प्रखंड के बुढ़नई पंचायत स्थित गंजाबाड़ी निवासी सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक हाजी मु. लतीफुर्रहमान वोट देने के लिए काफी उत्साहित हैं। वे बताते हैं कि 70 के दशक में प्रत्याशी जीप से और उनके समर्थक साइकिल से गांव-गांव, घर-घर जाकर अपने पक्ष में वोट मांगते थे। जहां रात हो जाती थी उसी गांव में किसी मतदाता के घर रात ठहर जाते थे। फिर सुबह अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार अभियान में जुट जाते थे। लेकिन आज तो जमाना बदल गया है। प्रत्याशी महंगी गाड़ी में चढ़कर चुनाव प्रचार करने आते हैं। उस समय जब चुनाव की तिथि करीब आता था, तो गांव में ग्रामीणों की एक बैठक होती थी। उसमें लोग जात-पात से उपर उठकर सर्वसम्मति से एक निर्णय लेते थे। जिसमें अपने गांव समाज की समस्याओं का निदान करने वाले अच्छे गुणवान उम्मीदवारों को चुना जाता था और उसी के पक्ष में वोट डालने की सहमति बनती थी। आज स्थिति बिल्कुल उलट है। मतदाता जागरूक हो गए हैं। हर कोई अपनी मर्जी से मतदान करते हैं।
इन्होंने 1985 से 2015 तक लगातार पीठासीन पदाधिकारी के रूप में मतदान भी कराया है। 90 के दशक में सड़कों की हालत उतनी अच्छी नहीं थी। मतदान केंद्र तक वाहन पहुंचना काफी मुश्किल होता था। कई किमी पैदल चलकर मतदान केंद्र तक पहना पड़ता था। तब मतदान केंद्र पर पानी बिजली व शौचालय का घोर अभाव था। रात को मोमबत्ती जलाकर लिखना पड़़ता था। आज तो मतदान केंद्र पर मतदान कर्मियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध है। मतदान लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए सभी लोगों को मतदान कर एक सुयोग्य एवं ईमानदार उम्मीदवार को चुनना चाहिए।