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सड़क पर बचानी है ¨जदगानी, नहीं करें मनमानी

खगड़िया। जिले की सड़कों पर रोज छोटी-मोटी दुर्घटना घटती ही रहती है। इन दुर्घटनाओं में जान भी जाती है। लोग दिव्यांगता का भी शिकार हो जाते हैं। सड़क पर तेज रफ्तार काल बन नाचती रहती है। ऐसे में अपनी सुरक्षा ही काम आती है। वाहन परिचालन नियम की अनदेखी व असावधानी मंहगी साबित होती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:38 PM (IST)
सड़क पर बचानी है ¨जदगानी, नहीं करें मनमानी
सड़क पर बचानी है ¨जदगानी, नहीं करें मनमानी

खगड़िया। जिले की सड़कों पर रोज छोटी-मोटी दुर्घटना घटती ही रहती है। इन दुर्घटनाओं में जान भी जाती है। लोग दिव्यांगता का भी शिकार हो जाते हैं। सड़क पर तेज रफ्तार काल बन नाचती रहती है। ऐसे में अपनी सुरक्षा ही काम आती है। वाहन परिचालन नियम की अनदेखी व असावधानी मंहगी साबित होती है। खासकर हेलमेट व सीट बेल्ट को लेकर लोग लापरवाह रहते हैं। अधिकांश दुर्घटना में ये लापरवाही मौत का कारण बन जाती है। अगर बाइक पर हेलमेट तथा कार आदि वाहन पर सीटबेल्ट लगा सफर करें, तो आप हद तक सुरक्षित हैं। यात्रा सुखद रहेगी।

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कार चालक व सवार को बेल्ट लगाना आवश्यक

सुरक्षित सफर के लिए सीटबेल्ट लगाकर यात्रा करना आवश्यक है। इसकी अनदेखी भारी साबित होगी। चालक व सवार को सीटबेल्ट लगाकर ही सफर करना चाहिए। डीटीओ के अनुसार कार में सीट बेल्ट लगा सफर के दौरान दुर्घटना की सूरत में जान जाने का खतरा 50-80 फिसदी तक कम रहता है। इस कारण ही परिवहन विभाग ने सीट बेल्ट बांध ड्राइ¨वग करना अनिवार्य किया है।

अगली सीट पर बच्चों को बिठाने से परहेज करें

छोटे वाहन में सफर के दौरान बच्चों को चालक के साथ वाली अगले सीट पर बैठाना भी खतरनाक है। सफर के दौरान कार में धक्का व तेज झटका लगने पर बच्चा सामने वाले भाग से टकरा सकता है। चोट लग घायल हो सकता है। जोरदार टक्कर व झटका लगने पर बच्चा कार से बाहर भी गिर सकता है। बच्चे को पिछली सीट पर बिठाना सुरक्षित होगा। यथासंभव कार में बेबी सीट व बेल्ट लगवाया जा सकता है। परिवहन नियम के अनुसार कार में सफर के दौरान 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आगे वाली सीट में बैठाने पर पाबंदी भी है और यह परिवहन नियम के अनुसार अपराध है।

हेलमेट बचाती है बाइक सवार की जान

बाइक सवार के लिए हेलमेट पहनना नियमानुसार आवश्यक है। दुर्घटना की सूरत में हेलमेट जान की रक्षा करती है। डीटीओ के अनुसार बाइक पर हेलमेट लगा सफर करने के दौरान जान जाने का खतरा 70 से 80 फीसद कम हो जाता है। हेलमेट दुर्घटना से ही नहीं, सिर पर चोट लगने, ठंड व गर्मी के प्रभाव को कम करने के साथ- साथ धूल, धुंआ से भी बचाता है। गुणवत्तापूर्ण व फुलफेस हेलमेट अधिक सुरक्षित

हेलमेट के चयन में भी सावधानी बरती जानी चाहिए। नियम पालन के नाम पर सस्ते व बिना गुणवत्ता वाले हेलमेट भारी पर सकता है। हेलमेट सरकारी स्तर पर जांचा, परखा, आइएसआइ मार्क वाला ही खरीदें। हेलमेट खरीदते समय ध्यान रखे कि अंदर आधे इंच मोटी और मुलायम परत लगी हो। जो किसी कारण दबाने पर आपके आंखों के ऊपरी हिस्से और कानों पर न धंसे। हेलमेट की मजबूती को जांचने के साथ हवा प्रवेश करने की जगह आदि की भी जांच करें। फुलफेस हेलमेट सबसे सुरक्षित है। आइएसआइ मार्क वाले हेलमेट 1200 से लेकर 2500 सौ तक में मिलते हैं। जिसे बजट व सुविधा के अनुसार लिया जा सकता है। क्या कहते हैं जिला परिवहन पदाधिकारी पुरुषोत्तम कुमार

सुरक्षित सफर के लिए सावधानी व परिवहन नियम का पालन आवश्यक है। बाइक सवार के लिए हेलमेट व कार सवार के लिए सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य है। यातायात नियम 2002 के अनुसार ड्राइवर समेत कार में बैठने वाले सभी लोगों को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। कार में अगली सीट पर बच्चे को बिठाने पर भी प्रतिबंध है। इन नियमों का पालन कर दुर्घटना की सूरत में जान माल की क्षति को कम किया जा सकता है।


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