Move to Jagran APP

सड़क पर रेनकट, घट सकती है दुर्घटना

खगड़िया। फरकिया के लोग आज भी समुचित सड़क सुविधा से वंचित है। बाढ़-बरसात में तो आवागमन का संकट और गहरा जाता है। आधी-अधूरी जर्जर सड़कों पर लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 08:17 PM (IST)
सड़क पर रेनकट, घट सकती है दुर्घटना

खगड़िया। फरकिया के लोग आज भी समुचित सड़क सुविधा से वंचित है। बाढ़-बरसात में तो आवागमन का संकट और गहरा जाता है। आधी-अधूरी जर्जर सड़कों पर लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं। फरकिया की एक महत्वपूर्ण सड़क आठ साल में भी नहीं बनी है।

loksabha election banner

मां कात्यायनी मंदिर से धमारा घाट होते हुए नवादा घाट जाने वाली सड़क का हाल बेहाल है। यह सड़क आठ साल से अधूरी है। पिछले वर्ष बाढ़ की चपेट में आने से धमारा घाट से पूरब तीन अर्ध निर्मित पुलिया बह गई। फिलहाल मूसलाधार बारिश बाद धमारा घाट से पूरब जगह- जगह रेन कट हो गया है। सुधीर सिंह, सोचो सिंह आदि लोगों का कहना है कि संवेदक की लापरवाही के कारण आठ साल बाद भी सड़क निर्माण पूरी नहीं हो सकी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से मां कात्यायनी मंदिर से धमारा घाट, ठुठी मोहनपुर होते हुए नवादा घाट तक सड़क निर्माण की जानी है। जो आठ साल में भी अधूरी है। जहां तक सड़क बनी है वहां भी दोनों किनारे फ्लैक में मिट्टी कम देने के कारण रेन कट हो गया है।

इधर विभागीय जेई साकेत कुमार ने बताया कि बरसात के कारण रेन कट हुआ है। जिसे जल्द ठीक करा दिया जाएगा।

स्थानीय जिप सदस्य मिथिलेश यादव ने कहा कि फरकिया के लोग भगवान भरोसे रह रहे हैं। बाढ़-बरसात में यह इलाका टापू में बदल जाता है। कोई देखने-सुनने वाला नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.