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बूढ़ी गंडक और गंगा उफनाई तो गोगरी-बौरना में मचेगी तबाही

खगड़िया। मानसून दस्तक दे चुका है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि शुरु हो चुकी है। परंतु, संभावित बाढ़ से

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 06:12 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 06:12 PM (IST)
बूढ़ी गंडक और गंगा उफनाई तो गोगरी-बौरना में मचेगी तबाही

खगड़िया। मानसून दस्तक दे चुका है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि शुरु हो चुकी है। परंतु, संभावित बाढ़ से बचाव की कारगर व्यवस्था नहीं की गई है। बूढ़ी गंडक और गंगा में अगर उफान आई, तो गोगरी प्रखंड के गोगरी व बौरना पंचायत में बाढ़ आना तय है। झिकटिया पंचायत की भी एक भाग प्रभावित होगा। जिसका सबसे बड़ा कारण रिग बांध की जर्जरता है। जर्जरता के कारण हर वर्ष यह रिग बांध कहीं न कहीं टूट जाता है और बाढ़ आती है। जिसकी मरम्मत अबतक नहीं हुई। वर्ष 2016 में बाढ़ से बौरना पंचायत की अधिकांश आबादी को विस्थापित होना पड़ा था।

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अब तक विभाग के अंदर नहीं है रिग बांध

आजादी के बाद जीएन तटबंध के अंदर बसे बौरना पंचायत व गोगरी पंचायत की आबादी को बाढ़ से बचाने को लेकर जीएन तटबंध को जोड़ते हुए भदलय से गोगरी तक रिग के आकार में बांध बनाया गया। जिस कारण इसे रिग बांध कहा जाता है। तब बाढ़ से गांवों की सुरक्षा भी होती थी। बाद के दिनों में देख-रेख व जीर्णोद्धार के अभाव में बांध जर्जर होता गया। गंगा और बूढ़ी गंडक में उफान बाद बांध टूटने का सिलसिला लगभग हर वर्ष जारी है। वर्तमान में भी बांध की जर्जरता इस साल बाढ़ का कारण बन सकती है। जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। बाढ़ नियंत्रण विभाग उक्त बांध को अपनी सूची से बाहर मानता है। दूसरी ओर अन्य योजनाओं से भी इसका जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है।

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बांध पर सड़क निर्माण कार्य भी नहीं हुआ

रिग बांध पर मिट्टी भराई के साथ फेवर ब्लाक सड़क बनाई जानी थी। कार्य भी आरंभ किया गया। मिट्टी बाहर से देने के बदले बांध की ही मिट्टी यत्र-तत्र काटकर बराबर किया गया। उसके बाद न तो बाहर से मिट्टी भराई कार्य किया गया और न ही सड़क निर्माण हुआ। जिससे बांध और कमजोर हुआ।

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रिग बांध की जर्जरता के कारण बौरना व गोगरी पंचायत की बड़ी आबादी प्रभावित होती है। बाढ़ लगभग हर वर्ष आती है। तबाही मचाती है। विभाग रिग बांध को अपने अधीन नहीं होने की बात कह पल्ला झाड़ लेती है। इसका जीर्णोद्धार पंचायत स्तर पर नहीं हो सकता। फंड की समस्या है। उक्त बांध विभाग के अधीन किए जाने को लेकर लिखा भी गया। परंतु, इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई।

शांति देवी, मुखिया, ग्राम पंचायत राज गोगरी।

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अगर रिग बांध की मरम्म्त हो, तो गोगरी व बौरना पंचायत को बाढ़ से स्थाई तौर पर मुक्ति मिल सकती है। विभाग इसे अपने अधीन नहीं बताती है। आखिर दशकों पूर्व बने इस रिग बांध की मरम्मत कौन करेगा, इसे लेकर पहल होनी चाहिए। इस पर मिट्टी भराई के साथ सड़क भी बननी थी। जो नहीं हो सका। उल्टे बांध की ही मिट्टी यत्र-तत्र काटकर छोड़ दिया गया। जिससे बांध और कमजोर हो गया है।

याशमीन, मुखिया, ग्राम पंचायत राज बौरना

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बांध मरम्मत का कार्य बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीन है। गोगरी रिग बांध जमींदारी बांध है। जमींदार बांध के जीर्णोद्धार के लिए विभाग में क्या प्रावधान है, यह विभागीय अधिकारी ही बता सकते हैं। उक्त बांध पर सड़क क्यों नहीं बनी, इस संबंध में जानकारी लेंगे व वरीय अधिकारी को अवगत कराएंगे।

सुभाषचंद्र मंडल, गोगरी, एसडीओ


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