को¨चग संस्थानों पर वाणिज्य कर विभाग कसेगा शिकंजा
खगड़िया। एक बार फिर राज्य सरकार को¨चग एवं अन्य ट्यूटोरियल संस्थानों की लेखा जोखा रखने म
खगड़िया। एक बार फिर राज्य सरकार को¨चग एवं अन्य ट्यूटोरियल संस्थानों की लेखा जोखा रखने में जुट गई है। सरकार ने बेहिसाब खुल रहे ऐसे संस्थानों पर शिकंजा कसने की जिम्मेदारी इस बार वाणिज्य विभाग को सौंपी है। आयुक्त सह सचिव राज्य वाणिज्य कर विभाग पटना ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को सूची उपलब्ध कराने को कहा है। इस पत्र के आलोक में शिक्षा सचिव ने फिर सभी डीईओ से को¨चग व ट्यूटोरियल संस्थानों की सूची मांगी है। कहा गया है कि 1 जुलाई 2017 से बिहार माल और सेवा कर अधिनियम प्रभावी है। को¨चग एवं ट्यूटोरियल क्लासेज चलाने वाले निजी संस्थानों के संचालकों को एसजीएसटी व सीजीएसटी भुगतान करना अनिवार्य है। इसके लिए सभी संचालित संस्थानों की सूची उपलब्ध कराई जाए।
मालूम हो कि दो साल पहले सरकार की ओर से सभी डीएम और एसपी को आदेश दिया गया था कि जिले में संचालित को¨चग संस्थानों के निबंधन की प्रक्रिया अपनाई जाए। इसको लेकर डीएम, एसपी समेत अन्य स्तरों पर कमेटी बनाई गई थी। कहा गया था कि जिले में संचालित को¨चग संस्थानों की सूची तैयार कर निबंधन को लेकर अर्जी मांगी जाए। अर्जी प्राप्त होने के बाद सदर अनुमंडलाधिकारी से जांच कराकर निबंधन की प्रक्रिया अपनाई जाए। विभागीय सूत्रों की माने तो इस आलोक में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से जिले से लेकर प्रखंडों में संचालित को¨चग संस्थानों की सूची तैयार कर भेजी गई। जिसमें 111 को¨चग संस्थानों का नाम शामिल किया गया। इस आलोक में कई बार अर्जी की मांग की गई। अर्जी दाखिल किए 18 को¨चग संस्थानों के संचालकों की अर्जी को सदर व गोगरी अनुमंडलाधिकारी को जांच हेतु भेज दिया गया। बताया जाता है कि गोगरी अनुमंडल से जांच रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हो गया, परंतु सदर अनुमंडल क्षेत्र से जांच आरंभ भी नहीं की गई। ऐसे में एक भी को¨चग संस्थान का निबंधन नहीं हो पाया और फाइल दब गई। हाल के दिनों में सरकार की ओर से फिर खोज खबर लेने पर विभागीय सक्रियता बढ़ गई है।
=======
सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से उनके क्षेत्र में संचालित को¨चग संस्थानों की सूची नए सिरे से उपलब्ध कराने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलने बाद इसे सरकार को भेजा जाएगा।
सुरेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।