मनरेगा मजदूरों की राशि डकार गए अभिकर्ता
खगड़िया। जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत पौरा पंचायत में मनरेगा योजना में दर्जनों फर्जी मजदूरों
खगड़िया। जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत पौरा पंचायत में मनरेगा योजना में दर्जनों फर्जी मजदूरों का अंगूठा लगाकर लाखों रुपये की निकासी कर लेने का मामला प्रकाश में आया है। जिन मजदूरों के नाम पर राशि की निकासी की गई है उन्हें मालूम भी नहीं कि उनके नाम पर राशि की निकासी कर ली गई है। वर्ष 2016-17 में पौरा पंचायत स्थित मध्य विद्यालय पौरा के प्रांगण में मिट्टी भराई का कार्य मनरेगा योजना से किया गया। बताया गया कि उक्त कार्य में मजदूरों को कार्य न देकर जेसीबी व ट्रैक्टर के माध्यम से कार्य को पूर्ण होने तक अंजाम दिया गया। लेकिन मास्टर रॉल पर अभिकर्ता द्वारा मजदूरों का फर्जी हस्ताक्षर व अंगूठा लगाकर मजदूरी की राशि की निकासी कर ली गई। लगभग एक सौ अधिक मजदूरों के मजदूरी की राशि की अभिकर्ता व बिचौलिए के माध्यम से फर्जी निकासी कर ली गई है। लोगों का कहना है कि उक्त निकासी में संबंधित बैंक कर्मी की भी मिलीभगत है।
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शिक्षक की पत्नी के नाम पर भी हुई निकासी
उक्त योजना में अभिकर्ता द्वारा जमकर धांधली की गई है। पौरा पंचायत अंतर्गत सहरौन के दर्जनों लोगों के नाम पर फर्जी निकासी की गई है। यहां तक की शिक्षक के पत्नी के नाम पर भी मजदूरी की राशि की निकासी कर ली गई है। बात यहां ही समाप्त नहीं हो जाती है। मृतक के नाम पर भी राशि की निकासी कर ली गई है।
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मजदूरों का दर्द
सहरौन निवासी जहरी देवी का कहना है कि वे आज तक मजदूरी नहीं की है। उन्हें मालूम भी नहीं कब उनके नाम पर मजदूरी की राशि निकाल ली गई है। वहीं मंटू शर्मा का कहना है कि उन्हें बाद में पता चला कि उनके भी नाम पर मजदूरी की राशि की निकासी की गई है। उन्होंने कहा कि उनके नाम से जॉब कार्ड है भी या नहीं उन्हें नहीं मालूम। कहा, अगर मजदूरी यहां मिलती तो परदेस कमाने के लिए क्यों जाते। बताते चलें कि उनके नाम पर आठ हजार 319 रुपये की निकासी की गई है। वहीं पौरा पंचायत के ही एक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक गजाधर शर्मा की पत्नी प्रेमलता देवी के नाम पर भी सात हजार 611 रुपये की निकासी की गई है। इसी तरह सहरौन के ही जरीमा खातून (मृत) के नाम पर 16 हजार 461 रुपये की निकासी की गई है। वहीं सहरौन के ही लक्ष्मी शर्मा के नाम पर लगभग पांच हजार, आनंद कुमार के नाम पर 12 हजार 390 रुपये की फर्जी निकासी अभिकर्ता व बैंक कर्मी की मिलीभगत से कर ली गई है।
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की गई है शिकायत
फर्जी निकासी को लेकर लोगों ने जिले में शिकायत भी की। उप विकास आयुक्त द्वारा लोकपाल को जांच के लिए भेजा गया। लोकपाल द्वारा उक्त योजना की स्थलीय जांच भी की गई। जांच के बाद उन्होंने पीओ को उक्त योजना से संबंधित संपूर्ण अभिलेख, मापी पुस्तिका की अभिप्रमाणित छायाप्रति तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा है। जिससे की शिकायत का निष्पादन हो सके। लेकिन अब तक कार्य योजना में धांधली करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं होने से मजदूरों में रोष पनप रहा है।
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लोकपाल को जांच हेतु कहा गया है। जांच चल रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
रामनिरंजन ¨सह, डीडीसी, खगड़िया