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खगड़िया के सकरोहर गांव में पुलिस कैंप और आठ माह में हुई पांच हत्याएं

सकरोहर गांव में अपराधियों ने बीते गुरुवार की देर रात पुलिस वर्दी में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर दो सहोदर भाइयों की जान ले ली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 12:25 AM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 12:25 AM (IST)
खगड़िया के सकरोहर गांव में पुलिस कैंप और आठ माह में हुई पांच हत्याएं
खगड़िया के सकरोहर गांव में पुलिस कैंप और आठ माह में हुई पांच हत्याएं

खगड़िया। सकरोहर गांव में अपराधियों ने बीते गुरुवार की देर रात पुलिस वर्दी में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर दो सहोदर भाइयों की जान ले ली। जबकि एक भाई बेगूसराय के निजी अस्पताल में जिदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। गांव में दहशत है। मातम का चादर पसरा हुआ है। मालूम हो कि

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सकरोहर गांव में अपराधियों का बोलबाला है। अपराधी कब किसकी जान ले ले, इसका कोई ठिकाना नहीं है। यहां पुलिस कैंप रहने के बाद भी आठ महीने के दौरान पांच व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। जबकि तीन व्यक्ति गोली लगने से घायल हो चुके हैं। जिससे ग्रामीण बेलदौर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बेखौफ अपराधी सुनियोजित साजिश के तहत धनंजय सिंह के सभी पुरुष स्वजनों की सफाया करने की मंशा से आए थे। बताया जाता है कि बेलदौर पुलिस भी किसी मामले के आरोपित की गिरफ्तारी करने सकरोहर गांव में छापेमारी की। लेकिन अपराधी पुलिस की ही रेकी कर रहे थे। छापेमारी बाद सकरोहर गांव से पुलिस के निकलने के थोड़ी देर बाद ही अपराधी धनंजय सिंह के घर पर आ धमके और अपने आप को पुलिस बताते हुए घर का दरवाजा खोलने को कहा। अपराधियों ने कहा कि कुख्यात रामू यादव घर में छिपा है। उसकी तलाशी ली जाएगी। यह कहकर घर के सभी पुरुष सदस्यों को घर से बाहर निकलने को कहा। गृहस्वामी अपराधियों को पुलिस मानकर घर में सोए तीनों भाई के साथ तुरंत बाहर दरवाजे पर निकल आए। जबकि चौथे भाई संतोष सिंह की पत्नी ने घर से बाहर निकलने का विरोध कर दिया। इस दौरान गोली चलने की आवाज सुनकर चौथा भाई घर के अंदर ही दुबक गया। इधर अपराधियों ने तीनों भाइयों को कतार में खड़ा कर अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी। जिससे दो सगे भाई धनंजय सिंह व विजेंद्र उर्फ विजय सिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। जबकि तीसरा भाई गोली लगने के बाद भी भागने में सफल रहा। स्वजनों के मुताबिक मृतक के पुत्र व भतीजा घटना की शाम को ही गांव से बाहर गए थे। नहीं तो उसकी भी जान जा सकती थी। जानकारी के मुताबिक सकरोहर गांव में आठ माह के दौरान पांच व्यक्तियों की हत्या हो चुकी है। 29 दिसंबर 20 को सकरोहर गांव के सुमित मंडल की अपराधियों पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना आलमनगर क्षेत्र में घटी। इस मामले में रामू यादव, संतोष सिंह को आरोपित बनाया गया। इसके बाद 18 फरवरी को सुमित मंडल की मां की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जबकि राम बहादुर मंडल को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। इसके बाद छह जून को संतोष सिंह की हत्या एवं गोली लगने से एक मजदूर घायल हो गया। वहीं गुरुवार की रात को अपराधियों ने एक साथ दो सगे भाई की हत्या कर दी। जबकि तीसरा भाई गंभीर रूप से घायल है।

सकरोहर में अपराधियों के सामने पुलिस बौनी है।


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