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कमोदी हत्याकांड में फूंक-फूंक कर पड़ताल कर रही पुलिस

-जांच जारी- -बिना किसी ठोस साक्ष्य मिले किसी को इस हत्याकांड में जेल भेजना सही नहीं -अपराधिय

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 10:16 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 10:16 PM (IST)
कमोदी हत्याकांड में फूंक-फूंक कर पड़ताल कर रही पुलिस

-जांच जारी-

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-बिना किसी ठोस साक्ष्य मिले किसी को इस हत्याकांड में जेल भेजना सही नहीं

-अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर एक राजनीतिक दल के लोगों ने भी किया है प्रदर्शन

संवाद सहयोगी,खगड़िया: अमौसी की कमोदी देवी हत्याकांड में पुलिस फूंक-फूंककर जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि बिना किसी ठोस साक्ष्य मिले किसी को इस जघन्य हत्याकांड में जेल भेजना मुनासिब नहीं होगा। देर से ही सही घटना में शामिल अपराधियों तक पुलिस पहुंचेगी और उसे कानूनी घेरे में लेगी। पुलिस सूत्रों की माने तो अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिला है। वहीं भागलपुर से एक रिपोर्ट आनी है। वहां से अब तक रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। इसलिए अभी स्पष्ट कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा। 11 फरवरी को उस समय कमोदी की नाक दबाकर हत्या कर दी गई जब वह संतोष से अपने गांव अमौसी को जा रही थी। शाम में नौका से नदी पार हुई और सुबह उसका शव एक खेत में मिला। इस कांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर एक राजनीति दल के लोगों ने प्रदर्शन भी किया है। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास खेती करने वाले, नाविक व घाट पर दुकान चलाने वालों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, मगर कोई सुराग हाथ नहीं लगा। उक्त स्थल के आसपास वासा पर रहने वाले अलौली के 60 वर्षीय भोला महतो ने पूछताछ में बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हां, दूसरे दिन जब शव मिलने का हल्ला हुआ, तो अन्य लोगों के साथ वे भी शव को देखे थे। पुलिस हिरासत में लिए गए पिता-पुत्रों में इचरूआ के फुलो यादव व पप्पू यादव ने पुलिस को बताया कि उस दिन खेत में पटवन कर रहा था और शाम पांच बजे बाद वासा पर चला गया था। इसी तरह गड़ैयाघाट पर दुकान चलाने वाला मितो सिंह ने भी पुलिस को बताया कि वे कुछ नहीं जानते हैं। जबकि उस शाम नौका से पार कराने वाला नाविक अशोक यादव ने पुलिस को बताया कि उस शाम कई लोग करीब छह बजे नौका से पार किया था। इससे अधिक वे कुछ नहीं जानते। एसपी अमितेश कुमार के निर्देश पर इस मामले की मानीटरिग सदर एसडीपीओ आलोक रंजन कर रहे हैं। जांच में जुटे अमौसी पिकेट अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि घटना का प्रत्यक्षदर्शी कोई नहीं है। घटना के क्या कारण थे। यह भी जानकारी ली जा रही है। जब तक भागलपुर से रिपोर्ट नहीं आ जाती कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा। बहरहाल, संदेह है कि अपराधी कहीं कमोदी का पीछा नौका से ही तो नहीं कर रहा था। क्या गांव में किसी को कोई दुश्मनी थी। चार बच्चों की मां की निर्मम हत्या के पीछे अपराधियों की क्या मंशा रही होगी, इन तमाम सवालों का जवाब गहन जांच बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। ''पांच को पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया। कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला। ऐसे में बिना साक्ष्य किसी को जेल भेजना न्यायसंगत नहीं था। पूछताछ बाद सबों को छोड़ दिया गया।

आलोक रंजन, सदर एसडीपीओ, खगड़िया।


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