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बिना वैक्सीन गोशाला मेला देखने की नहीं मिलेगी अनुमति

जागरण संवाददाता खगड़िया 12 से 19 नवंबर तक आयोजित ऐतिहासिक गोपाष्टमी मेला अर्थात गोशाला

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 08:15 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 08:15 PM (IST)
बिना वैक्सीन गोशाला मेला देखने की नहीं मिलेगी अनुमति

जागरण संवाददाता, खगड़िया : 12 से 19 नवंबर तक आयोजित ऐतिहासिक गोपाष्टमी मेला अर्थात गोशाला मेला लगने की खबर से जिलेवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं दूसरी तरफ गोपाष्टमी मेला को व्यवस्थित करने के लिए गोशाला कमेटी के कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। कार्यकारिणी सदस्य अनिरुद्ध जालान की माने तो गोपाष्टमी मेले में कुल 300 स्टाल लगाए जाएंगे। जिसमें मिठाई दुकान के लिए 33 रुपये प्रति वर्ग फिट और अन्य दुकानों के लिए 44 रुपये प्रति वर्ग फिट निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि 2019 में निर्धारित 40 रुपये वर्ग फिट में इस बार 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। दुकानदारों को कोविड-19 के नियमों का कारण पड़ेगा पालन

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गोशाला कार्यकारिणी कमेटी के सदस्य ने बताया कि बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मेला नहीं लग सका। इस बार कोरोना की रफ्तार में आई गिरावट के बाद अब मेले का आयोजन किया जा रहा है। जहां मेला देखने आए लोगों को मेला में प्रवेश करने के लिए वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। वहीं मेले में आने वाले दुकानदारों को कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ेगा। दुकानदारों को अपने बेंच पर अपना नाम- पता, मोबाइल नंबर सहित यह भी लिखवाना होगा कि हमने कोविड का टीका लिया है, क्या अपने लिया है। स्टाल लेते समय फार्म में इन सभी बातों को दर्शाना अनिवार्य होगा। प्रत्येक दुकानदार को मास्क और सैनिटाइजर रखने के साथ खुद भी इसका इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। 20 वर्षों से नहीं हुआ है गोशाला कमेटी का चुनाव बीते 20 वर्षों से गोशाला कमेटी का चुनाव नहीं कराया गया है। वर्ष 2007 से 2019 तक प्रभारी मंत्री प्रदीप दहलान के सहारे गोशाला चल रहा था। एसडीओ धर्मेंद्र कुमार के खगड़िया पदस्थापन बाद गोशाला कमेटी पर दबिश बढ़ जाने के कारण तत्कालीन प्रभारी मंत्री ने 2019 में गोपाष्टमी मेला शुरू होने से एक महीने पहले अपना इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद गोशाला की व्यवस्था चरमरा गई। जिसको देखते हुए एसडीओ की अध्यक्षता में संचालन समिति का गठन किया गया। जिसमें तीन सदस्यीय समिति में अनिरुद्ध जलान समेत नरेंद्र गोयनका और कौशल किशोर सिंह शामिल हैं। लेकिन सभी शक्तियां एसडीओ धर्मेंद्र कुमार अपने हाथों ले लिए। जिसके बाद गोशाला के किसी भी विकासात्मक कार्य को करने के लिए उनकी अनुमति की आवश्यकता पड़ने लगी है।


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