किसानों में दीपावली के प्रति नहीं दिख रहा है उत्साह
खगड़िया। पिछले कई मौसम की फसलों के बर्बाद होने के बाद किसानों की कमर टूट गई है। इसबार कम बारिश से धान की फसल भी सूखे की चपेट में है। बिहार सरकार ने जिले के एक भी प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित नहीं किया है। इसलिए किसानों में दीपावली को लेकर उत्साह नहीं है। किसान जैसे-तैसे ¨जदगी की गाड़ी खींच रहे हैं।
खगड़िया। पिछले कई मौसम की फसलों के बर्बाद होने के बाद किसानों की कमर टूट गई है। इसबार कम बारिश से धान की फसल भी सूखे की चपेट में है। बिहार सरकार ने जिले के एक भी प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित नहीं किया है। इसलिए किसानों में दीपावली को लेकर उत्साह नहीं है। किसान जैसे-तैसे ¨जदगी की गाड़ी खींच रहे हैं।
प्रखंड के विभिन्न जगहों पर मां लक्ष्मी की पूजा के प्रति लोगों में काफी भक्ति भाव दीख रहा है। लेकिन दीपावली में खरीदारी के प्रति अभी तक यहां केकिसानों में दिलचस्पी नहीं दिख रही है। सिराजपुर निवासी विजय चौधरी, तेमथा राका के सुरेश ¨सह, खजरैठा के किसान श्यामनन्दन चौधरी, कन्हैयाचक के सिन्टू चौधरी, डुमरिया बुजुर्ग के राजीव कुमार आदि ने बताया कि किसानों में खरीदारी के प्रति इस बार उत्साह नहीं है। क्योंकि एक तरफ महंगाई बढ़ रही है। दूसरी तरफ किसानों की आय घटती जा रही है। क्षेत्र के किसान कभी ओला वृष्टि, कभी अनावृष्टि तो कभी बाढ़ की मार झेलते झेलते परेशान हैं। कहा कि बीते अगस्त और सितम्बर माह में गंगा की बाढ़ से यहां के सैकड़ों किसानों का फसल नष्ट हुआ है। केला की फसल बुरी तरह प्रभावित हुआ। परबत्ता क्षेत्र में 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। कई किसानों को फसल क्षति का मुआवजा भी नहीं मिला है। जिस कारण किसानों के लिए धनतेरस फीका रहा। दिवाली और छठ भी उत्साहवर्द्धक नहीं रहेगा। श्रीरामपुर ठुट्ठी के किसान नेपाली ¨सह, दारा ¨सह, लगार के मनोज कुमार बताते हैं कि राज्य और केंद्र की कृषि नीति के कारण किसान मारे जा रहे हैं। किसानों की आमदनी दो गुनी करने की बात हवा-हवाई साबित हुई।
क्या कहते व्यवसायी : परबत्ता बाजार के कपड़ा व्यसायी दुर्गा दास, संजय कुमार, शिव शंकर चौधरी आदि बताते हैं कि इस बार उनकी दुकान में पिछले वर्ष की तुलना में खरीदारी को लेकर भीड़ कम है। किसानों के पास पैसे नहीं हैं। किसानों के पैसे पर ही हमारी भी चलती रहती है। इस बार सबकुछ फीका है।