मुखिया अमला देवी की हत्या मामले में जेल गया था रतन राम
खगड़िया। कचहरी पथ के एक फाइनेंस कंपनी में लॉकडाउन के दौरान चोरी करते रंगे हाथों
खगड़िया। कचहरी पथ के एक फाइनेंस कंपनी में लॉकडाउन के दौरान चोरी करते रंगे हाथों पुलिस के हत्थे चढ़ा मानसी के अमनी गांव का रतन राम कथित नक्सली संगठन से भी पहले जुड़ा हुआ था। उसने पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान में कबूल किया कि वह गंगौर ओपी अंतर्गत बरैय-बंगराहा पंचायत के नक्सली के पूर्व एरिया कमांडर बोढ़न सदा की मुखिया पत्नी अमला देवी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या मामले में जेल गया था। उसने यह भी कबूल किया कि माड़र के पप्पू खान का अपहरण व डॉक्टर अशोक शर्मा के परिवार वालों से उसने रंगदारी की मांग की थी। जिस पर पुलिस ने उसे पकड़कर जेल भेज दिया था। उसने पुलिस के समक्ष यह भी कबूल किया कि लाभगांव के चीमनी संचालक राजकुमार सिंह के घर पर 24 मार्च को भीषण चोरी की घटना को अंजाम दिया। चित्रगुप्तनगर थानाध्यक्ष सुबोध पंडित ने बताया कि गिरफ्तार बिट्टु पंडित व रतन राम ने यह भी कबूल किया कि उसने एक गिरोह बनाया था। गिरोह में अमनी के ही विनोदी पासवान व श्यामसुंदर पासवान भी शामिल था। जिसका संबंध परमानंदपुर में है। बताया कि शाम में वह गिरोह के साथ परमानंदपुर आ जाता था और शाम में ही टोह लेता था कि किस घर में चोरी करना है। घटना को अंजाम देने के बाद वाहन से सामानों को ले जाता था। जानकारी के अनुसार मुखिया अमला देवी की हत्या के समय नक्सली के पूर्व एरिया कमांडर बोढ़न सदा अमौसी नरसंहार मामले में जेल में था। पुलिस की सक्रियता के बाद हाल के दिनों में नक्सल का प्रभाव खगड़िया में कम होने लगा और रतन राम चोर गिरोह बनाकर घटना को अंजाम देने लगा। चित्रगुप्तनगर थानाध्यक्ष के अनुसार गिरोह में शामिल अन्य की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है। जेल भेजे गए रतन राम व बिट्टु पंडित को रिमांड पर लेने की प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है। जल्द ही गिरोह में शामिल व गिरोह को संरक्षण देने वालों का पर्दाफाश होगा और कई मामले पर से पर्दा उठाने में सफलता मिलेगी।