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शुद्ध पानी बना सपना, पीएचइडी की योजना फेल

खगड़िया। सात नदी, 54 धारा और उपधारा जिस जिले से होकर गुजरती है वहां के लोग शुद्ध पानी को तरस रहे हैं। आर्सेनिक का असार-पसार दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। संपूर्ण जिले पहले से ही आयरन की गिरफ्त में है। पीएचइडी की ओर से शुद्ध पेयजल को लेकर चलाए जा रहे हर अभियान असफल ही साबित हुआ है। जलमीनार शोभा की वस्तु है और आयरन रिमुवल प्लांट बेकार पड़ा है। इसे देखने वाला कोई नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 07:03 PM (IST)
शुद्ध पानी बना सपना, पीएचइडी की योजना फेल
शुद्ध पानी बना सपना, पीएचइडी की योजना फेल

खगड़िया। सात नदी, 54 धारा और उपधारा जिस जिले से होकर गुजरती है वहां के लोग शुद्ध पानी को तरस रहे हैं। आर्सेनिक का असार-पसार दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। संपूर्ण जिले पहले से ही आयरन की गिरफ्त में है। पीएचइडी की ओर से शुद्ध पेयजल को लेकर चलाए जा रहे हर अभियान असफल ही साबित हुआ है। जलमीनार शोभा की वस्तु है और आयरन रिमुवल प्लांट बेकार पड़ा है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। पीएचइडी मेंटनेंस का नाम लेकर पल्ला झाड़ लेती है। आंकड़े चौंकाने वाले हैं

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समता और मेघपाइन अभियान ने जब मदारपुर और पूर्वी ठाठा पंचायत में सर्वेक्षण किया, तो आर्सेनिक की मात्रा पानी में सौ से तीन सौ पीपीबी (पार्ट पर मिलियन) तक पाया गया। आयरन की मात्रा भी मानक से अधिक थी। पीएचइडी भी सौ से 110 पीपीबी तक आर्सेनिक की बात को स्वीकार करती है। जबकि पानी में आयरन की मात्रा फोर पीपीएम(पार्ट पर मिलियन) तक होने की बात को स्वीकार करती है। जाने आयरन रिमुवल प्लांट का हाल

लोगों को शुद्ध पानी मिले इसको लेकर पीएचइडी की ओर से आयरन रिमुवल प्लांट जगह-जगह लगाया गया। लेकिन यह योजना फेल कर गई। आयरन मुक्त पेयजल मुहैया कराने को लेकर गोगरी क्षेत्र में लगाए गए आयरन रिमुवल प्लांट आज बेकार पड़े हैं। 50 हजार से अधिक की लागत से लगाए गए आयरन रिमुवल प्लांट कई स्थानों पर बेकार पड़े हुए हैं। गोगरी प्रखंड, अनुमंडल कार्यालय प्रांगण व अस्पताल परिसर में लगे आयरन रिमुवल प्लांट बेकार पड़े हैं। स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।

मालूम हो कि पानी में आयरन की 1.0 पीपीएम से अधिक की मात्रा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

कोट

अब हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। जहां तक आयरन रिमुवल प्लांट की बात है, तो संबंधित संवेदक को मेंटनेंस करना है। इसको लेकर पत्र लिखा गया है।'

राजीव कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, खगड़िया।

कोट

' खगड़िया के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना बड़ी चुनौती है। हमें परंपरागत जलश्रोत कुआं को फिर से ¨जदा करना होगा। कुआं का पानी सर्वाधिक शुद्ध है। इसके पानी में आर्सेनिक नहीं पाया जाता है।

प्रेम वर्मा, जलयोद्धा, खगड़िया


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