पीरनगरा पंचायत अब भी विकास से दूर
खगड़िया। बेलदौर विधानसभा क्षेत्र आज भी विकास से कोसो दूर है। अभी भी यहां विकास की रोशनी
खगड़िया। बेलदौर विधानसभा क्षेत्र आज भी विकास से कोसो दूर है। अभी भी यहां विकास की रोशनी नहीं पहुंची है। कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी है।
ये समस्याएं नेताजी को इस बार परेशान करेगी। जनता हिसाब मांगने के मूड में है।
सुदूर गांव-देहात की बात छोड़िए, एनएच-107 किनारे अवस्थित पीरनगरा पंचायत में भी विकास की समुचित रोशनी नहीं पहुंची है। यह पंचायत बेलदौर प्रखंड मुख्यालय से मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर है।
पंचायत में छह गांव और कुल वार्ड 15 हैं।
यहां के लोगों की रोजी-रोटी का मुख्य साधन खेती और पशुपालन है। परंतु, सैकड़ों एकड़ जमीन में जल जमाव के कारण खेती-किसानी पर संकट है। जिसका समाधान आज तक नहीं निकाला गया है। जल जमाव के कारण किसानों में हताशा है।
गांव के बीच से बेलदौर- पीरनगरा पथ गुजरती है। लेकिन यह जर्जर है। यह सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं है। चंद्रदेव शर्मा कहते हैं- इस सड़क की जर्जरता के कारण प्रखंड मुख्यालय बेलदौर जाने के लिए सात किलोमीटर के बदले 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पंचायत में एनएच 107 किनारे दर्जनों महादलित परिवार बसे हुए हैं। इन्हें बासगीत का पर्चा अब तक नहीं मिला है। हालांकि बेलदौर सीओ अमित कुमार ने कहा कि इनके लिए तीन जगहों पर जमीन चिन्हित किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवा का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि उप स्वास्थ्य केंद्र पीरनगरा में ही अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का संचालन हो रहा है।
स्थानीय धनंजय शर्मा ने कहा कि पीरनगरा में विकास को खोजने की जरूरत है। इस चुनाव में नेताजी को जवाब देना पड़ेगा। आखिर आश्वास की खेती कब तक होगी। यह पंचायत सड़क सुविधा से वंचित है। इंटर की पढ़ाई के लिए शिक्षक नहीं है। स्वास्थ्य सेवा के लिए लोग बेलदौर पीएचसी पर निर्भर रहना पड़ता है।