दियारा में वर्चस्व को लेकर छिड़ सकती है जंग
खगड़िया। कोसी, काली कोसी, बागमती नदी से घिरा चौथम और मानसी थाना अंतर्गत दियारा में बसी आबादी हर वक्त डर के साये में जीने को विवश है। पता नहीं कब किसकी बंदूक का शिकार कौन बन जाए। जब-जब इस दियारा में पुलिस शांति कायम करने के लिए अभियान चलाती है, कुछ दिनों तक शांति के बाद खामोश दियारा में अपराधियों की बंदुकें शांति को भंग कर दहशत का माहौल कायम कर देती है। पता नहीं कितने गैंग दियारा में पनप रहे हैं।
खगड़िया। कोसी, काली कोसी, बागमती नदी से घिरा चौथम और मानसी थाना अंतर्गत दियारा में बसी आबादी हर वक्त डर के साये में जीने को विवश है। पता नहीं कब किसकी बंदूक का शिकार कौन बन जाए। जब-जब इस दियारा में पुलिस शांति कायम करने के लिए अभियान चलाती है, कुछ दिनों तक शांति के बाद खामोश दियारा में अपराधियों की बंदुकें शांति को भंग कर दहशत का माहौल कायम कर देती है। पता नहीं कितने गैंग दियारा में पनप रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो दियारा में सोना उगलने वाली मिट्टी को पाने की ललक में कुछ नए गैंग पनप गए हैं। पुराने गैंग संचालक अब किसी तरह पुलिस व विरोधी गैंग से बचने के लिए या तो परदेस में शरण ले लिए या फिर रास्ता बदलकर जी रहे हैं। लेकिन दियारा में जल, जलकर और हजारों एकड़ में फैली गैर मजरुआ जमीन पर कब्जा को लेकर वर्चस्व की लड़ाई आम बात हो गई है। चार दिन पूर्व मामूली विवाद में गोली चली और दो लोग गंभीर रूप से जख्मी होकर ¨जदगी और मौत से अस्पताल में जूझ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि दियारा में बसी सरसवा, सहोरवा, ठुठ्ठी मोहनपुर, रोहियार, नोनहा आदि जगहों पर हमेशा वर्चस्व को लेकर कहीं न कहीं गोलियां चलती ही रहती है। पुलिस भी इन जगहों पर भौगोलिक स्थिति में उलझकर रह जाती है।
जानकारी के अनुसार उक्त क्षेत्र अपराधियों के लिए हमेशा से ही सेफ जोन रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण जिला या प्रखंड मुख्यालय से सीधा सड़क मार्ग का नहीं होना है। जब भी कोई घटना घटित होती है तब ही पुलिस दियारा के लिए कूच करती है। जब तक पुलिस पहुंचती है तब तक आरोपित फरार होने में सफल हो जाता है। लोगों का कहना है कि नियमित पुलिस गश्ती नहीं होने के कारण अपराधी हथियारों के साथ बेखौफ घूमते नजर आते हैं। अगर सीधा सड़क संपर्क होता तो एक हद तक अपराधी व अपराध पर लगाम लग सकता था। सरसवा पंचायत की घटना पर अगर गौर किया जाए तो पंचायत चुनाव के बाद से ही उक्त पंचायत में छिटपुट घटना घटित होती रही है। पुलिस ने कई बार इस विवाद को हल करने का प्रयास भी किया, नतीजा अब तक शून्य ही है। लगभग एक वर्ष पूर्व सरसवा में पुलिस कैंप के समीप ही अपराधियों ने हवाई फाय¨रग कर दहशत कायम कर दिया था। पुलिस की ओर से कार्रवाई भी की गई लेकिन दियारा में शांति बहाल करना पुलिस के लगातार चुनौती बनी हुई है। दियारा में जिस प्रकार घटना घट रही है लग रहा है कि एकबार फिर दियारा में जंग छिड़ सकती है। हालांकि पुलिस दियारा में नजर रख रही है लेकिन थोड़ी सी चूक हुई तो बड़ी घटना घट सकती है।
कोट
दियारा की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। एसपी की ओर से दिए जा रहे निर्देशों का पालन किया जा रहा है। पुलिस की ओर से दियारा में गश्ती भी की जा रही है।
गुंजन कुमार, थानाध्यक्ष, चौथम