क्या करें किसान, न जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारी दे रहे हैं ध्यान
खगड़िया। रबी फसल की बुआई शुरू है। परंतु किसानों के हाथ खाली हैं। वे गेहूं मक्का आ
खगड़िया। रबी फसल की बुआई शुरू है। परंतु, किसानों के हाथ खाली हैं। वे गेहूं, मक्का आदि की बुआई
कैसे करेंगे, यह यक्ष प्रश्न बरकरार है। इस ओर न अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
माकपा जिलामंत्री संजय कुमार ने कहा कि किसानों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। इसको लेकर माकपा आंदोलन करेगी।
सितंबर की बाढ़ में परबत्ता प्रखंड में हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गई थी। तेमथा करारी, माधवपुर, लगार, सलारपुर, कल्हड़िया, सौढ़ उत्तरी और दक्षिणी आदि पंचायतों में सर्वाधिक क्षति हुई। रही-सही कसर मूसलाधार बारिश ने पूरी कर दी। परंतु, अब तक किसानों को फसल क्षति मुआवजा नहीं मिला है। किसानों की आंखें पथरा गई है। रामपुर उर्फ रहीमपुर पंचायत निवासी और माकपा अंचल मंत्री सुनील कुमार मंडल ने कहा कि पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल अधिकांश खेती बटाईदार करते हैं। इसलिए मुआवजा की राशि उन्हें भी मिले। उन्होंने कहा कि इस ओर अधिकारियों का ध्यान भी आकृष्ट कराया गया है।
सूत्र के अनुसार अभी कई जगहों पर फसल क्षति का आकलन तक नहीं किया गया है। स्थिति तो ऐसी है कि 9 अप्रैल को ओलावृष्टि से परबत्ता प्रखंड क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ फसल नष्ट हुई थी। कई लोग घायल हुए थे। घायल लोगों को तो मुआवजा मिला, परंतु किसानों को फसल क्षति की राशि अब तक नहीं मिली है।
परबत्ता प्रखंड कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि फसल क्षतिपूर्ति को लेकर अब तक ऊपर से कोई निर्देश नहीं आया है। वे क्या कर सकते हैं।