भू-अर्जन के पेंच में फंसा है अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एप्रोच पथ
खगड़िया। प्रखंड के अगुवानी- सुल्तानगंज गंगा घाट पर महासेतु निर्माण की कवायद तेज है। पुल निम
खगड़िया। प्रखंड के अगुवानी- सुल्तानगंज गंगा घाट पर महासेतु निर्माण की कवायद तेज है। पुल निर्माण कंपनी एसपी सिगला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक कुमार झा ने बताया कि पुल 2020 के मार्च में पुल निर्माण कार्य पूरा करके वे सरकार को सुपुर्द कर देंगे। कितु, एप्रोच पथ के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में सुस्त है। जिस कारण अभी तक एप्रोच पथ का निर्माण शुरु नहीं हुआ है। पसराहा में यह 301, 302 किलोमीटर पर फोर लेन एनएच 31 से जुड़ेगा। पुल निर्माण की प्रक्रिया-प्रखंड के दक्षिण छोर पर गंगा नदी के ऊपर बनने वाले अगुवानी- सुल्तानगंज महासेतु के मुख्य भाग का वास्तविक कार्य तीव्र गति से शुरु हो चुका है। चयनित कंपनी एसपी सिगला कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अलोक झा ने बताया कि कंपनी ने श्रीरामपुर ठुट्ठी व डुमरिया गांव के बीच महेशखूंट पथ से सटे बेस कैंप बनाया है। जबकि अगुवानी गंगा घाट की उप धारा के निकट फेब्रीकेशन स्थल बनाया गया है। बेस कैंप स्थल पर गोदाम निर्माण कर्मियों व मजदूरों को रहने आदि को लेकर अस्थायी रूप से कॉलोनी करीब करीब बन चुका है। एप्रोच पथ समेत इस महासेतु के बनने में 1710.77 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है।
भूमि अधीग्रहण की प्रक्रिया सुस्त
पुल के साथ फोर लेन सड़क का निर्माण भी किया जाना है। जिसकी लंबाई 21 किलोमीटर के आसपास है। इसमें लगार, वैसा पिपलतीफ, बंदेहरा, तेमथा करारी, सियादतपुर अगुवानी, खीराडीह आदि मौजे की सैकड़ों एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा। इसकी प्रक्रिया काफी सुस्त हो चुकी है। पुल निर्माण निगम द्वारा सर्वे के पश्चात खेसरा निर्धारित हेतु जिला भू-अर्जन को सौपा गया है। बीते वर्ष नवंबर- दिसंबर में तत्कालीन जिला भूअर्जन पदाधिकारी खगड़िया द्वारा किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा देने को लेकर कैंप भी लगाया गया था। कितु उस समय कई किसानों ने राशि नहीं ली। आज तक भूमि अधिग्रहण कर एप्रोच पथ हेतु पुल निर्माण कंपनी को नहीं दिया गया है। जिस कारण एप्रोच पथ बनने में बाधा है। इस बात को एसपी सिगला कम्पनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक कुमार झा भी स्वीकार करते है। जबकि सीओ चन्द्रशेखर सिंह ने कि उनके यहां कोई प्रक्रिया पेंडिग नहीं है।