जिला संतमत सत्संग का 37वां वार्षिक अधिवेशन संपन्न
खगड़िया। जिला संतमत सत्संग का 37वां दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन महेशखूंट पंचायत के राजधाम गां
खगड़िया। जिला संतमत सत्संग का 37वां दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन महेशखूंट पंचायत के राजधाम गांव में संपन्न हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सद्गुरू महर्षि मेंही परमहंसजी महाराज के शिष्य आचार्य चतुरानंदजी महाराज ने कहा कि जीव के दुख का कारण उसकी माया ही है। कहा कि, जब तक संसार के मायाजाल से नहीं उबरोगे तब तक तुम्हारा पीछा दुख नहीं छोड़ेगा। जीवन भर हाय-हाय करते रहोगे। उन्होंने कहा कि मायाजाल से छुटकारा पाने के लिए ज्ञान का होना अति आवश्यक है। ज्ञान तब तक नहीं होगा, जब तक आपको सच्चा गुरु नहीं मिल जाता। गुरु की भक्ति से ज्ञान हासिल करो और संसार रूपी दुख के अथाह सागर से उबर जाओ। जीवन धन्य हो जाएगा। बोले, मैं यह नहीं कहता कि तुम गृहस्थ के जीवन को त्याग दो। मैं तो कहता हूं कि घर परिवार के दायित्व का निर्वहन करते हुए अपना जीवन धन्य कर लो। तुम्हारे आगे का रास्ता खुल जाएगा। इस दौरान श्रद्धालु मंच से भक्ति गीत का आनंद भी उठाते रहे। वक्ताओं में वेदानंदजी महाराज, योगानंदजी महाराज समेत कई संत थे। आयोजक कमेटी के अध्यक्ष दीपक कुमार सिंह, राम प्रवेश पटेल ने बताया कि राजधाम के लोगों का सहयोग सराहनीय रहा है।