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खनन माफिया बदल रहे नदियों का भूगोल

खगड़िया। कोसी और बागमती नदियों के किनारे खनन माफिया धड़ल्ले से बालू निकाल रहे हैं। इत

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 06:02 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 06:02 PM (IST)
खनन माफिया बदल रहे नदियों का भूगोल
खनन माफिया बदल रहे नदियों का भूगोल

खगड़िया। कोसी और बागमती नदियों के किनारे खनन माफिया धड़ल्ले से बालू निकाल रहे हैं। इतना ही नहीं अभी तटबंध के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। खनन माफिया इतनी मजबूत पकड़ रखते हैं कि वे नदी किनारे की मिट्टी काटकर तटबंध पर डलवा रहे हैं। इससे बरसात में नदियों के कूल-किनारे बदलने की आशंका खड़ी हो गई है। नदियां तबाही भी मचा सकती हैं। अवैध खनन का कार्य खासकर

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चौथम प्रखंड क्षेत्र में कोसी और बागमती नदियों के किनारे जारी हैं। जानकार लोगों का कहना है कि

बदला-नगरपाड़ा तटबंध को सुरक्षित रखने के लिए वर्षों पूर्व करोड़ो रुपये खर्च किए गए थे। चौथम पीएचसी समेत शिक्षण संस्थान को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। लेकिन खनन माफिया जिस प्रकार से नदी तट से मिट्टी काटकर बेच रहे हैं, इससे नदी का भूगोल बदलना तय है। लोगों का कहना है कि खनन माफिया नदी को गांव की ओर आमंत्रित कर रहे हैं। इसे विडंबना ही कहा जाए कि एक तरफ सरकार की ओर से तटबंध का सु²ढ़ीकरण व ऊंचीकरण किया जा रहा है तो दूसरी ओर खनन माफिया उसी नदी के तट से मिट्टी काटकर उंचीकरण व सु²ढ़ीकरण कार्य

करवा रहे संवेदक को बेच रहे हैं। जिससे खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं। चौथम प्रखंड के भरपुरा घाट, नवादा घाट के समीप से प्रचूर मात्रा में मिट्टी काटकर तटबंध समेत सरकारी योजनाओं में खनन माफिया सप्लाई कर रहे हैं। संबंधित विभाग के पदाधिकारी सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। जिससे खनन माफिया का मनोबल बढ़ता ही जा रहा है। लोगों का कहना है कि नदी तट के किनारे से खनन माफिया कई एकड़ में लगभग 10 फीट गहराई तक मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं। जिस जगह पर मिट्टी का खनन किया जा रहा है मात्र 20 फीट की दूरी पर बागमती नदी बह रही है। पदाधिकारी की उदासीनता की वजह से खनन माफिया का मनोबल बढ़ता जा रहा है।

कोट

'विभाग को मिट्टी की रॉयाल्टी भरपूर मात्रा में मिल रही है। जल संसाधन विभाग ही कोई कार्रवाई कर सकती है।'

प्रवीण कुमार, खनन पदाधिकारी, खगड़िया।

कोट

'विभाग की ओर से सख्त निर्देश दिए गए है कि मिट्टी का खनन नदी तट से कम से कम 100 फीट की दूरी पर किया जाए। जेई को खनन स्थल का निरीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी।'

सुनील कुमार वैश्य, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग, डिविजन टू, खगड़िया।

कोट

'नदी तट से मिट्टी का खनन अवैध है। पदाधिकारी को जांच के लिए भेजा जाएगा। जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी।'

अनिरुद्ध कुमार, जिलाधिकारी, खगड़िया।


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