हर घर नल का जल: नदियों के नैहर में मुश्किल है डगर
खगड़िया। हर घर नल का जल अभी भी जिले में सपना है। सात निश्चय के तहत यह महत्वाकांक्षी योजना
खगड़िया। हर घर नल का जल अभी भी जिले में सपना है। सात निश्चय के तहत यह महत्वाकांक्षी योजना जिले में लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है। 129 ग्राम पंचायत की 1310 और नगर परिषद खगड़िया की 26 तथा नगर पंचायत गोगरी की 20 वार्डों में हर घर नल का जल योजना तहत पानी पहुंचाना है, परंतु अब तक मात्र जिले के सात वार्डों में पानी पहुंचाने का दावा विभाग ने किया है। स्थिति हास्यास्पद है। जहां पानी पहुंचाने की बात कही गई है, उसमें गौछारी पंचायत की वार्ड नंबर छह और तेलौंछ पंचायत की वार्ड 12 में स्थिति अत्यंत ही निराशाजनक है। कहने का मतलब आज भी यह योजना जन से दूर है। जिले के बहुसंख्यक लोग आर्सेनिक और आयरन युक्त पानी पीने को विवश है। मालूम हो कि जिले के गंगा किनारे का अधिकांश इलाका आर्सेनिक की चपेट में है। जबकि संपूर्ण जिले आयरन से ग्रस्त है।
जलयोद्धा के नाम से विख्यात प्रेम कुमार वर्मा कहते हैं- हर घर नल का जल दिवास्वपन बनकर रह गया है। इस योजना को लेकर विभाग के पास कोई ²ष्टि नहीं है। सवाल है कि, खगड़िया नदियों का जिला है। यह बिहार के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक है। ऐसे में, बाढ़ प्रभावित गांव-टोले में बाढ़ के समय शुद्ध और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कैसे होगी? बाढ़ में पाइप टूटेंगे-फुटेंगे, उसकी क्या व्यवस्था है? सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण मोहन सिंह 'मुन्ना' कहते हैं- हर घर नल का जल को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। शहर से सटा हुआ है सन्हौली पंचायत जब यहां इस योजना के तहत कोई कार्य नहीं हुआ है, तो अन्य पंचायत की भगवान ही मालिक है। साधन-संपन्न लोग तो पानी खरीदकर पी रहे हैं, लेकिन गरीब-गुरबा अब तक आर्सेनिक, आयरन युक्त पानी ही पीने को विवश हैं।