धान खरीदारी में लापरवाही ही लापरवाही
खगड़िया। जिले में 20 हजार एकड़ में धान की खेती की गई। लेकिन, धान की खरीदारी नहीं होने
खगड़िया। जिले में 20 हजार एकड़ में धान की खेती की गई। लेकिन, धान की खरीदारी नहीं होने से किसान परेशान हैं। सरकारी स्तर पर धान खरीदारी की गति अत्यंत ही धीमी है। अब तक जिला के 129 पैक्सों में से मात्र 27 पैक्स ही धान की खरीदारी शुरू कर सके हैं। धान की खरीदारी का संशोधित लक्ष्य 55 हजार मीट्रिक टन है। लापरवाही का अंदाजा लगा सकते हैं।
पैक्सों को धान खरीदारी का संशोधित लक्ष्य एक सप्ताह पूर्व ही निर्धारित किया गया है। परंतु, धान खरीदने के लिए अब तक सीसी खाता राशि की बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। इसी तरह नए किसानों को पैक्स से जोड़ने के लिए अब तक सदस्यता अभियान भी नहीं चलाया गया है। सरकार की ओर से निर्धारित
धान खरीदारी की समय-सीमा के ढाई माह से अधिक बीत चुके हैं। जबकि धान की खरीदारी मात्र 1350 ¨क्वटल ही किया जा सका है। धान की खरीदारी की समय सीमा 15 नवंबर 18 से 31 मार्च 19 तक निर्धारित है। खाद्य एवं आपूर्ति संरक्षण विभाग की ओर से
धान की खरीदारी के संबंध में 22 नवंबर 18 को पत्र जारी किया गया। जिसमें धान खरीदारी का लक्ष्य 55 हजार मीट्रिक टन से घटाकर 22 हजार मीट्रिक टन कर दिया गया। इसी तरह सीसी खाता का निर्धारण भी 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया। धान खरीदारी का लक्ष्य एवं सीसी खाता की राशि आधा कर दिए जाने के कारण लगभग एक माह तक धान की खरीदारी बाधित रही। जिला कृषि कार्यालय को धान के उपज की जानकारी देनी थी। धान खरीदारी का एक दो माह से अधिक बीत जाने के बाद धान के उपज की जानकारी दी गई। उसके बाद ही 55 हजार मीट्रिक टन के आधार पर पैक्सों को धान खरीदारी का संशोधित लक्ष्य दिया जा सका। किसानों से धान खरीदारी के लिए पैक्सों को महत्ती जिम्मेदारी दी गई है। इधर, पैक्सों की रूचि का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि काफी दबाव के बाद अब तक 129 पैक्सों में से मात्र 27 पैक्स ही धान की खरीदारी कर रहे हैं। पैक्सों की ओर से अब तक नए किसान को जोड़ने के लिए सदस्यता अभियान भी नहीं चलाया जा सका है। जिला सहकारिता पदाधिकारी वीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि धान खरीदारी में तेजी लाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। जिससे धान की खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।