खगड़िया जेल में बंद बंदी का नाम-पता फर्जी निकला
खगड़िया। खगड़िया जेल में बीते एक माह से अधिक समय से फर्जी नाम (पिता का नाम भी फर्जी) पर रह
खगड़िया। खगड़िया जेल में बीते एक माह से अधिक समय से फर्जी नाम (पिता का नाम भी फर्जी) पर रह रहा है युवक। इसकी कानोंकान पता न तो पुलिस को चल पाई, न ही उत्पाद विभाग को और न ही जेल प्रशासन को। इसका खुलासा तब हुआ जब उत्पाद विभाग की ओर से उक्त बंदी बने युवक के संदर्भ में आपराधिक इतिहास की मांग की गई। पुलिस सत्यापन के दौरान सामने आया कि जेल में बंद युवक के नाम व पिता के नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं। मामला नगर थाना क्षेत्र के कमलपुर, दुर्गास्थान से जुड़ा हुआ है। इसका खुलासा होते ही प्रशासनिक अधिकारियों के बीच खलबली मच गई है। उत्पाद अधीक्षक कृष्णमुरारी के अनुसार बीते महीना ही मशालेदार शराब के साथ उसे पकड़ा गया था। उसने अपना नाम ¨पटू पासवान, पिता स्व. परमेश्वर पासवान बताया था। जिसे लिखकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया और जेल भेज दिया गया। कहा, जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में आए तथ्यों के आधार पर नाम व पिता का नाम सुधार कर न्यायालय को भेजा जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई ऐसे अपराधी व शराब तथा गांजा तस्कर पकड़ाने पर पुलिस को फर्जी नाम बताकर पूर्व में किए गए आपराधिक इतिहास से बचने का प्रयास करता है। जेल में बंद ऐसे कई बंदियों के नाम, पता सत्यापन की जरूरत है। अक्सर इस तरह के कार्य शराब, गांजा व हथियार तस्करों द्वारा किए जाने की बात कही जाती है।
कोट
' जेल के बंदी ¨पटू पासवान को कस्टडी में अंकित नाम से रिसीव किया गया। थाना अथवा उत्पाद विभाग से न्यायालय में प्रस्तुति जिस नाम से होती है उसी नाम से जेल में रिसीव किया जाता है। इसमें जेल प्रशासन की कहीं से चूक नहीं है।'
विपिन कुमार, जेल अधीक्षक, खगड़िया।
कोट
'उत्पाद विभाग द्वारा बंदी ¨पटू पासवान, पिता परमेश्वर पासवान का आपराधिक इतिहास मांगा गया था। सत्यापन कराया गया तो पता चला कि उस नाम व पिता के नाम का उस गांव में कोई व्यक्ति नहीं है। गहराई से सत्यापन को कहा गया है।'
रामदुलार प्रसाद, नगर थानाध्यक्ष, खगड़िया।