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यहां कोसी के जलचरों को परोस दिए जाते हैं शव

खगड़िया,संवाद सूत्र: कोसी क्षेत्र में सक्रिया अपराधी गिरोह किसी की हत्या करता है तो शव को टुकड़ों में

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 09:38 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 09:38 PM (IST)
यहां कोसी के जलचरों को परोस दिए जाते हैं शव

खगड़िया,संवाद सूत्र: कोसी क्षेत्र में सक्रिया अपराधी गिरोह किसी की हत्या करता है तो शव को टुकड़ों में विभक्त कर कोसी के जलचरों को परोस देता है। आरंभिक साक्ष्य मिटाने को लेकर वे इस तरह के अमानवीय कार्य करते हैं। शनिवार को भी चौथम के सहूरी बहियार में उदागर सिंह की पीट-पीटकर हत्या के बाद शव को टुकड़ों में विभक्त करने के प्रयास किये गये थे। शव को देखने से ही पता चलता था कि उदागर के कई अंगों को काटने के प्रयास किये गये। मगर अपराधी ग्रामीणों के देखने के भय से भी शव को जल्दी निबाटने के फिराक में अधिक कुछ नहीं कर पाया और कोसी में शव को बहा दिया। जिसे रविवार को काफी मशक्कत बाद बरामद किया गया।

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अब तक तीन दर्जन के शव परोसे जा चुके हैं

डेढ़ दशक पहले नवगछिया के कुख्यात कुंदन सिंह गिरोह को भोज पर बुलाकर सहिंद्र शर्मा गिरोह के सदस्यों ने खीर में जहर डाल कर 20 की हत्या कर दी थी। ऐसा गिरोह का ताकत बढ़ाने व अत्याधुनिक हथियार लूटने के मकसद से किये गये और शव को टुकड़ों में विभक्त कर कोसी के जलचरों को परोस दिया गया। सूत्र की मानें तो 2004-05 में भी बेलदौर में आधे दर्जन की हत्या कर कोसी के जलचरों को परोस दिया गया था। तीन साल पहले नक्सलियों से हथियार लूटने को लेकर एक दर्जन से अधिक की हत्याकर मुंगेर-खगड़िया सीमा के हरिणमार के समीप गंगा में बहा दिए गए। ऐसे कई मामले आए और पुलिस हाफती रही।

मृतक उदागर सिंह का भी था आतंक

मारे गये उदागर सिंह का भी काफी आतंक क्षेत्र में था। लोगों की माने तो जमीन जोत लेना और लोगों को भयभीत करना उसकी आदत सी बनी हुई थी। पुलिस भी इस बात को स्वीकार करती है।

तत्कालीन एसपी की सक्रियता से आई थी हत्यों में कमी

तत्कालीन एसपी केएस अनुपम की सक्रियता व मुठभेड़ में सहिंद्र शर्मा समेत उसके गिरोहों के कई सदस्यों को ढेर करने के बाद से अपराधियों में खौफ जगने लगा था। एसपी विनीत विनायक के समय भी मुठभेड़ में सत्तन चौधरी गिरोह के आधे दर्जन से अधिक सदस्यों को ढेर किया गया था। कोसी से सटे क्षेत्रों में सक्रिय कई अपराधी गिरोहों ने तो हथियारों के साथ पुलिस के समक्ष समर्पण भी कर दिया था। एक बार फिर उदागर सिंह की हत्या के बाद कोसी के जलचरों शव परोसने की योजना थी।


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