रोटी पर भारी देश की फिक्र, पहले मतदान फिर गई खलिहान..
कटिहार । शहर से चार किलोमीटर दूर कटिहार-सोनैली सड़क के सरवासा गांव के समीप गेह
कटिहार । शहर से चार किलोमीटर दूर कटिहार-सोनैली सड़क के सरवासा गांव के समीप गेहूं काटने के दौरान धूप से पस्त सरबासा महादलित टोला की कुछ महिलाएं पेड़ के नीचे आराम कर रही थी। वही कुछ दूरी पर आदिवासी टोला की महिलाएं हाथों में कचिया लिए दनादन गेहूं की फसल काट रही थी। लेकिन उनके बीच रोज की गपशप के बदले चुनाव पर चर्चा चल रही थी। यद्यपि कौन-कौन प्रत्याशी मैदान में था, यह उन्हें सही से पता नही था। बस वे विकास और देश के नाम पर वोट की बात कर रही थी। महादलित बस्तियों में भी देश की फिक्र इससे ही साफ होती है कि मजदूरी कर रही महिलाओं ने पहले मतदान किया उसके बाद खलिहान पहुंची थी।
लोकतंत्र के महापर्व को लेकर जहां मतदान को लेकर सरकारी से लेकर निजी संस्थानों में अवकाश था। वहीं हर रोज दो वक्त की रोटी के लिए जतन करने वालों के लिए आज का दिन भी अन्य दिनों की तरह ही था। उन्होंने लोकतंत्र के महापर्व में सहभागिता तो निभाई लेकिन आदिवासी व महादलित टोला की महिलाएं पेट की आग बुझाने के लिए सीधा खलिहान पहुंची थी। बातचीत के दौरान गेहूं काट आराम कर रही रामपति देवी ने कहा कि उन्होंने अपना मतदान कर दिया है। उन्हें भी देश की फिक्र है और चुनाव में उन्होंने सहभागिता निभाई है। लेकिन उन्हें अपने प्रत्याशी का नाम तक पता नहीं था। मतदान करने के सवाल पर उन्होंने बस मुस्कुरा कर कहा कि यह चुनाव देश का है और उन्होंने देश के विकास को लेकर चाय वाले के नाम मतदान किया है। वही सावित्री देवी ने कहा कि चुनाव में वोट द देलियै, लेकिन के छै यहां नय जानै छिय। वही कुसूम हासंदा ने बताया कि गरीब व वंचित की हिफाजत करने वाले के पक्ष में उन्होंने मत दिया है। कुलो देवी ने कहा कि जे गावों में सड़क बनैलकै ओकरे वोट देलियै। लेकिन खेतों में पसीना बहाने वाली महिलाओं का एक स्वर में कहना था कि चुनाव में तो उन्होंने भागीदारी निभाई है, लेकिन इसके बदले उनके और उनके बच्चों के भविष्य की परवाह जीतने वाले को करनी चाहिए। महादलित बस्तियों में मतदान को लेकर रहा उत्साह : मतदान को लेकर महादलित बस्तियों में भी लोगों का उत्साह चरम पर रहा। लोगों ने बताया कि उन्होंने देश और विकास के नाम पर अपना वोट दिया है। चोपड़ा घाट महादलित टोला के रामू ऋषि, बेचन ऋषि, कालू ऋषि आदि ने कहा कि देश की साख बचाने वाले और उसकी हिफाजत करने वालों को उन्होंने अपना मत दिया है। वही अशोक राय, विपीन यादव आदि ने कहा कि देश की बेरोजगारी और समस्या के कारण लोग त्रस्त हैं। युवाओं को न रोजगार मिल रहा है न मजदूरों को काम। उनका मत सबकी हिफाजत करने वाले के पक्ष में गया है।