हजार रातों से अफजल है शब ए कद्र की एक रात : मौलाना सब्बीर
कटिहार। रमजान के आखिरी दस दिनों में एक ऐसी रात भी आती है जो हजार रातों से बेहतर
कटिहार। रमजान के आखिरी दस दिनों में एक ऐसी रात भी आती है जो हजार रातों से बेहतर है। उस रात को शबे कद्र कहते हैं। शबे कद्र बहुत ही महत्वपूर्ण रात है। इस रात की इबादत में हजार महीनों यानी 83 वर्ष चार महीने की इबादत के बराबर शबाब मिलता है। यह बात मौलाना कारी शब्बीर अहमद कासमी ने कही। उन्होंने कहा कि इस रात की फजीलत कुरान हदीस में कसरत से मौजूद है। इस रात के नाम से कुरान शरीफ के तीस वे पारे में एक मुकम्मल सूरह अल्लाह ताला ने उतारा है। उस सूरह का नाम लैलातुल कद्र है। उस सूरह का तर्जुमा यह है हमने इस कुरान को लैलातुल कद्र में उतारा यानी हमने इस पवित्र रात में कुरान ए करीम को लोहे महफूज से आसमां से दुनियां पर उतारा फिर 23 वर्ष की थोड़े थोड़े अरसे में जनाबे मोहम्मद उर रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम पर उतारा गया और आप को क्या मालूम लैलातुल कद्र क्या है? लैलातुल कद्र हजार रातों से बेहतर है। इस रात में अल्लाह ताला के हुक्म से बेशुमार फरिश्ते और जिब्रील अलैहिस्सलाम आसमान से उतरते हैं। अल्लाह ताला की रहमते अल्लाह ताला की बरकते लेकर उतरते हैं। यह रात बहुत सलामती वाली रात है। इस रात में अल्लाह की इबादत में गुजारना चाहिए यह रात पूरी की पूरी सलामती वाली रात है फज्र तक। यह रात बहुत ही पवित्र तथा बरकत वाली रात है। मुसलमान सबे कद्र की रात की तलाश में लगे रहे और उनकी तलब व हिम्मत बढ़े और आखरी अशरा की ताक रात यानी 21/23/25/27/29 की रातों में छुपा कर रख दिया है। इन पांच रातों में जागकर लैलातुल कद्र पा सकते हैं। उन्होंने सभी से अपने अपने घरों में रहकर अल्लाह पाक से देश से कोरोना वायरस से खात्मे की दुआ मांगने को कहा।