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बायोमेट्रिक्स सिस्टम से भी खाद्यान्न उठाव में परेशानी

जागरण संवाददाता कटिहार कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशनकार्डधारियों को निशुल्क खाद्यान्न दिए जाने का निर्देश दिया गया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 10:01 PM (IST)
बायोमेट्रिक्स सिस्टम से भी 
खाद्यान्न उठाव में परेशानी
बायोमेट्रिक्स सिस्टम से भी खाद्यान्न उठाव में परेशानी

जागरण संवाददाता, कटिहार: कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशनकार्डधारियों को निशुल्क खाद्यान्न दिए जाने का निर्देश दिया गया था। कोरोना की पहली लहर में अप्रैल से नवंबर माह तक कार्डधारियों को निशुल्क खाद्यान्न वितरण के लिए सात लाख 93 हजार 331 क्विंटल चावल एवं दो लाख 63 हजार 701 किलो गेंहू का आवंटन किया गया। प्रत्येक कार्डधारी को प्रति यूनिट दो किलो चावल एवं तीन किलो गेंहू दिया जाना था। पांच लाख 78 हजार 710 लाभुकों को इस योजना से आच्छादित किया गया। जबकि 18 हजार लाभुक गत वर्ष भी अनाज उठाव रह गए। इस वर्ष मई माह के खाद्यान्न का वितरण पीएचचएच व अंत्योदय कार्डधारियों को निशुल्क वितरण किए जाने का निर्देश दिया गया था।

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अरवा चावल दिए जाने की मिली थी शिकायत

खाद्यान्न योजना में लाभुकों को उसना के बदले अरवा चावल दिए जाने की शिकायत लाभुकों द्वारा की गई थी। कई लाभुकों ने चावल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उठाव करने से इंकार कर दिया था। प्रशासनिक स्तर से जांच में कुछ स्थानों पर अरवा चावल वितरित किए जाने की बात सामने आयी थी। शिकायत मिलने के बाद वितरण कार्य पर रोक लगाते हुए लाभुकों के लिए उसना चावल उपलब्ध कराया गया था।

बायोमेट्रिक्स सिस्टम के कारण भी हुई परेशानी

पीडीएस दुकानों में बायोमेट्रिक्स सिस्टम के आधार पर अनाज वितरण का निर्देश दिए जाने के कारण भी कोरोना काल में कई लाभुक अनाज उठाव से वंचित रह गए। अनाज उठाव से वंचित लाभुकों की संख्या 20 हजार से अधिक बताई जा रही है। कोरोना काल में अनाज वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की शिकायत नहीं मिली है लेकिन खाद्यान्न की गुणवत्ता संदेह के घेरे में जरूर रही।


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