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दो वर्ष पूर्व निर्मित पंचायत भवन का अब तक नहीं हो सका हस्तांतरण

कटिहार। प्राणपुर के बस्तौल व सहजा पंचायत में नव निर्मित पंचायत सरकार भवन सफेद हाथी साबित हो

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 04:45 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 04:45 PM (IST)
दो वर्ष पूर्व निर्मित पंचायत भवन का अब तक नहीं हो सका हस्तांतरण
दो वर्ष पूर्व निर्मित पंचायत भवन का अब तक नहीं हो सका हस्तांतरण

कटिहार। प्राणपुर के बस्तौल व सहजा पंचायत में नव निर्मित पंचायत सरकार भवन सफेद हाथी साबित हो रहा है। करीब 86 लाख की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण हुआ है। 13 जून 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उक्त दोनों पंचायत में सरकारी भवन की आधारशिला रखी थी। दो वर्ष पूर्व ही दोनों जगहों पर पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो चुका है। विभागीय लापरवाही के कारण संवेदक द्वारा अब तक पंचायत को हस्तांतरित नहीं किया गया है। इसके चलते दोनों जगहों के नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन में कोई कामकाज आरंभ नहीं हो पाया है। जबकि पंचायत में आमसभा करने में भी परेशानी होती है। पंचायत की सभी संचिका पंचायत सचिव की झोली में रहती है। इससे आम लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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नहीं बन पा रहा मूल्यांकन केन्द्र:

इन भवनों को पंचायत स्तर पर सरकार के कार्यक्रमों के योजना क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन का केंद्र बनाया जाना है। इनके माध्यम से लोगों को मिलने वाली सुविधाओं को सुगमतापूर्वक देना है। पंचायत सरकार भवन में मुखिया, उप मुखिया, पंचायत सचिव, पंचायत लेखापाल राजस्व कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता सहित सभी समकक्ष ग्रामीण स्तर के कर्मचारियों के अलावा सरपंच, उप सरपंच, पंच, ग्राम कचहरी से संबंधित कर्मचारी को नियमित रुप से उपस्थित रहना है।

भवन में होगी सुविधाएं :

भवन में पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत स्तर के कर्मियों के लिए स्थान, ग्राम कचहरी के न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण के लिए स्थान, स्टोर, पंचायत स्टे¨डग कमेटी की बैठकों के लिए हाल, नागरिकों के लिए स्वागत कक्ष, सेवा केंद्र, स्टोर, पेंट्री एवं शौचालय का प्रावधान किया गया है। इसका उपयोग बहुउद्देशीय होगा। उपयुक्त कार्यों के अतिरिक्त बाढ़ एवं आपदा की स्थिति में भी उसका उपयोग किया जाना है।

क्या कहते हैं बीडीओ

बीडीओ मुकेश कुमार ने कहा कि बस्तौल व सहजा पंचायत में पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार है। संवेदक की लापरवाही के चलते पंचायत भवन को हेंड ओवर नहीं किया गया है। पंचायत सचिव को दो दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।


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