कोरोना काल में मजदूरों को मक्का दे रहा है रोजगार
कटिहार। कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों में मेहनत मजदूरी करने वाले प्रवासी बड़ी
कटिहार। कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों में मेहनत मजदूरी करने वाले प्रवासी बड़ी संख्या में वापस अपने घर लौटे हैं। हालांकि पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान घर लौटे प्रवासी की अपेक्षा इस बार कम संख्या में मजदूर वापस आए हैं। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण रोजी रोजगार में भी प्रवासी मजदूरों को मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन बड़े पैमाने पर होने वाली मक्का की खेती से स्थानीय मजदूरों सहित प्रवासी मजदूरों को रोजगार का अवसर मिला है। मक्का की खेती नगदी फसल के रूप में की जाती है। बड़े पैमाने पर होने वाली मक्का की खेती को देखते हुए सेमापुर स्टेशन पर रेलवे ने रैक प्वाइंट भी बनाया है। यहां से 60 से 70 रैक मक्का महानगर भेजा जाता है। सैकड़ों की संख्या में ट्रक लोडिग भी की जाती है। रैक प्वाईंट पर मक्का की लोडिग व अनलोडिग के लिए बड़ी संख्या में मजदूरों की जरूरत होती है। रैक प्वाईंट पर काम करने से मजदूरों को रोजगार का अवसर भी मिल रहा है। मक्के की कटाई से लेकर उसको सुखाने, मंडी में भेजने के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती है। मंडी में ही तीन से चार हजार मजदूरों को काम मिल जाता है। इसके अतिरिक्त कई मजदूरों को मनरेगा योजना से भी काम का अवसर मिला है।