यहां जीवंत की जाएंगी राष्ट्रपिता की स्मृतियां, बहुरेंगे कुरसेला गांधी घर के दिन
1934 के भूकंप के दौरान महात्मा गांधी भूकंप के पीडि़तों की सहायता के लिए कुरसेला गए थे। उनकी स्मृतियों को जीवंत रखने के लिए वहां सर्वोदय आश्रम गांधी घर बनाया गया है।
कटिहार [नीरज कुमार]। सन् 1934 के भूकंप के दौरान महात्मा गांधी भूकंप के पीडि़तों की सहायता के लिए कुरसेला गए थे। उनकी स्मृतियों को जीवंत रखने के लिए वहां सर्वोदय आश्रम गांधी घर बनाया गया है। सरकार अब उसे गांधी सर्किट से जोड़ेगी। कुछ दिनों पहले ही गांधी स्मृति दर्शन समिति ने इसे गांधी इंटरप्रिटेशन सेंटर के रूप में विकसित करने की स्वीकृति भी दी है। यहां महात्मा गांधी के बिहार दौरे की झलक भी दिखाई जाएगी।
गांधी सर्किट से जुडऩे के बाद देश के पर्यटन मानचित्र पर भी कुर्सेला गांधी घर की पहचान रहेगी। वर्ष 1934 में आए प्रलंयकारी भूकंप की थीम पर गांधी घर के सौंदर्यीकरण की योजना का प्रस्ताव है। इस पर पर्यटन विभाग ने भी अपनी सहमति जताई है। 1934 में आए भूकंप के पीडि़तों की सहायता के लिए महात्मा गांधी के बिहार दौरे की झलक भी दिखाई जाएगी।
बताते चलें कि भूकंप के बाद बिहार आगमन पर गांधी जी पूर्णिया से कुर्सेला आए थे। सौंदर्यीकरण योजना के तहत सामुदायिक भवन, मीटिंग हॉल एवं बच्चों के खेलकूद से संबंधित सामग्री भी यहां उपलब्ध रहेगी। इसमें पटना स्थित गांधी संग्रहालय का भी सहयोग लिया जाएगा। गांधी सर्किट से जोडऩे के लिए तकनीकी प्रक्रिया को पूरा करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। वहीं कुर्सेंला स्थित गंगा कोसी संगम तट को विकसित किए जाने की भी योजना है।
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इस योजना के बारे में बताते हुए पूर्व सांसद सह कुर्सेला गांधी घर के अध्यक्ष नरेश यादव ने कहा कि कुर्सेला गांधी घर को विकसित करने के लिए इसे गांधी सर्किट में शामिल करने की पर्यटन विकास विभाग ने रुचि दिखाई है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही विशेषज्ञ वास्तुकार की टीम यहां भेजी जाएगी। नक्शा तैयार करने के बाद स्वीकृति के लिए मंत्रालय को भेजा जाएगा।
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