अब पपीते की खेती से सेहत बदलने की जुगत में किसान
कटिहार। सब्जी, अमरुद व नींबू आदि की खेती के लिए जाना जाने वाला कोढ़ा प्रखंड का राजवाड़ा पं
कटिहार। सब्जी, अमरुद व नींबू आदि की खेती के लिए जाना जाने वाला कोढ़ा प्रखंड का राजवाड़ा पंचायत में अब किसान पपीते की खेती की ओर उन्मुख हैं। किसान अब पपीते की खेती के जरिए अपनी आमदनी और बढ़ाना चाह रहे हैं। किसान रामानंद ¨सह सहित कई अन्य किसानों द्वारा इसकी शुरुआत की गई है। रामानंद ¨सह ने एक बीघा जमीन में पपीते की खेती की है। रामानन्द ¨सह बताते हैं कि करीब आठ सौ पपीता का पौधा उसने लगाया है। इससे तीन वर्षों तक उत्पादन मिलेगा। खेती में 25 से 30 हजार रुपये एकड़ के हिसाब से लागत आता है। पपीता के लिए यहां बाजार भी उपलब्ध है। अगर यहां के जलवायु में पपीते की खेती सफल होती है तो अगले वर्ष इसका रकवा किसान और बढ़ाने की तैयारी में है। बता दें कि किसान रामानन्द ¨सह द्वारा अमरुद की खेती की भी शुरुआत की गई थी। आज राजवाड़ा पंचायत में करीब सवा सौ एकड़ में अमरूद की विभिन्न किस्मों की खेती हो रही है। यहां का अमरूद कोसी व सीमांचल के बाजारों के साथ पटना तक जाती है।