बिना महिला चिकित्सक कैसे पूरा हो सुरक्षित मातृत्व का सपना
कटिहार। पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा से सटे जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड अमदाबाद में बेहतर
कटिहार। पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा से सटे जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड अमदाबाद में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों के लिए अब भी सपना बना हुआ है। एक ओर सरकार सुरक्षित मातृत्व व प्रसव को लेकर अभियान चला रही है। लेकिन इस प्रखंड में एक भी महिला चिकित्सक की पदस्थापना नहीं रहने के कारण सुरक्षित मातृत्व और प्रसव की व्यवस्था पर ग्रहण लगा हुआ है। बता दें कि प्रखंड में आवागमन की दुरूह समस्या के कारण प्रखंड की बड़ी आबादी आवागमन के लिए डेंगी नाव का सहारा लेती है। बाढ़ व कटाव की समस्या से त्रस्त इस प्रखंड में गांव तक एंम्बुलेंस का पहुंचना भी संभव नहीं है। ग्रामीण अक्सर गंभीर मरीज और गर्भवती महिलाओं को खाट पर टांगकर अस्पताल लाते हैं। जबकि प्रखंड से जिला मुख्यालय की दूरी 55 किलोमीटर से अधिक रहने के लिए मुख्यालय तक पहुंचना भी मुश्किल होता है। ऐसे में समय पर चिकित्सकीय सुविधा के अभाव में गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
क्या कहती है महिलाएं :
प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंची महिला फूल कुमारी देवी, संतोषी देवी, माया देवी, उषा देवी आदि महिलाओं ने बताया कि सामान्य इलाज कराने में तो परेशानी नहीं है। लेकिन महिलाओं एवं प्रसूता को विशेष परिस्थिति में महिला चिकित्सक के अभाव में इलाज कराने में परेशानी होती है। महिला चिकित्सक के अभाव में उन्हें इलाज के लिए शहर जाकर निजी चिकित्सक से इलाज कराना पड़ता है। इसके कारण परेशानी होती है।
क्या कहते हैं पीएचसी प्रभारी :
पीएचसी प्रभारी डा. मनोज कुमार ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन औसतन करीब 300 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें सौ से अधिक महिलाएं होती है। महिला चिकित्सक के अभाव में परेशानी होती है। इसके लिए वरीय पदाधिकारी को सूचित किया जाता है।