व्यवसायिक बकरी पालन के लिए ब्लैक बंगाल नस्ल सर्वोत्तम
कटिहार। कोरोना संक्रमण के दौरान अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों को अपने घर रोजगा
कटिहार। कोरोना संक्रमण के दौरान अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों को अपने घर रोजगार दिलाने के उद्देश्य से उद्यमिता विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने को लेकर गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत तीन दिवसीय बकरी पालन उद्यमिता विकास प्रशिक्षण का आयोजन मनिहारी के नीमा पंचायत में किया गया। प्रशिक्षण का उद्घाटन पंचायत के मुखिया मु. जाकिर अंसारी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से किया।
मुखिया ने गरीब कल्याण योजना के तहत चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक पंकज कुमार ने बकरी पालन के व्यवसायिक स्वरूप पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि जानकारी के अभाव में बकरी पालन के पर्याप्त मुनाफा नहीं मिल पाता है। बकरी के गर्भावस्था के 15 दिनों पूर्व एवं सात दिन तक भोजन का विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। उन्होंने इसके लिए ब्लैक बंगाल नस्ल का चयन करने का सुझाव दिया। कृषि वैज्ञानिक डा. सुशील कुमार सिंह ने बकरी पालन में आवास की व्यवस्था एवं चारा प्रबंधन की जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रमाकांत सिंह ने उद्यमिता विकास के लिए समूह गठन एवं वित्तीय साक्षरता विषय पर जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक स्वीटी कुमारी ने उद्यमियों के सफलता विषय को लेकर प्रशिक्षण दिया। इस दौरान आत्मा मनिहारी के एफआइसी अध्यक्ष सरजू साह सहित विभिन्न प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के उपरांत प्रवासी मजदूरों को प्रमाणपत्र मुहैया कराया जाएगा।