अभियान.. डेढ़ साल में मात्र 10 प्रतिशत हुआ है कार्य
फोटो - 25 एमएडी 45 मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए करना ह
फोटो - 25 एमएडी 45
मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए करना होगा और इंतजार
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09 माह और लगेगा हर घर नल का जल योजना में
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13 वार्ड में जलापूर्ति कार्य का जिम्मा मिला है राज्य जल पर्षद को
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2016 में योजना के लिए की गई थी राशि आवंटित
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60 हजार की आबादी शुद्ध पेयजल से हैं वंचित
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06 माह में कार्य को करना था पुरा
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संवाद सूत्र, मधेपुरा : नगर परिषद के क्षेत्र में लोगों को आयरणमुक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रारम्भ की गई हर घर जल का नल योजना का कार्य डेढ़ साल में भी पूरा नही हो पाया है। 2016 में जिस योजना के लिए राशि प्राप्त हुई थी अब तक उस योजना में महज 10 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। डेढ़ माह बीत जाने के वावजूद कार्य अभी तय लक्ष्य से काफी पीछे है। 2016 कि समाप्ति तक जिस कार्य को पूर्ण कर लिया जाना था उसके लिए अब चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक यानि मार्च 2019 तक लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। इस योजना के तहत मधेपुरा नगर परिषद को छह करोड़ की राशि वर्ष 2016 में ही उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन नगर परिषद की सुस्ती व संवेदक की लापरवाही के कारण लगभग दो साल बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रही है। मामला पाइप लाइन बिछने तक ही अटका हुआ है। नगर परिषद अब तक मात्र दो करोड़ की राशि ही खर्च कर सकी है। इस हालत में योजना पूरा होना संदेह लग रहा है।
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योजना की रफ्तार है काफी धीमी
मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में मुख्यमंत्री के सात निश्चय के हर घर जल का नल योजना के तहत हो रहा कार्य काफी धीमी गति से चल रही है। मधेपुरा नगर परिषद के 26 वार्ड में 13 हजार से अधिक घरों में इसी वित्तीय वर्ष में नल के जल का कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित था। लेकिन अभी तय लक्ष्य से काफी पीछे है। अब तक लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 10 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है। वार्ड नम्बर एक से लेकर छह तक एवं वार्ड नंबर 13 से लेकर 19 तक हर घरों तक नल का जल पहुचाने की जिम्मेदारी बिहार राज्य जल पर्षद को दिया गया है।
राज्य जल पर्षद द्वारा इसके लिए नगर परिषद क्षेत्र में दो जगहों पर साढ़े 12 करोड़ रूपये की लागत से दो जलमीनार बनाया गया है। वही शेष बचे वार्ड के सभी घरों में पानी पहुचाने का जिम्मा नगर परिषद को है। इसके लिए नगर परिषद 22 मिनी जलापूर्ति संयंत्र का निर्माण करा रही है। चालू वित्तीय वर्ष के समाप्ति तक कार्य पूरा किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
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पाइप लाइन का कार्य भी नहीं हो पाया है पूरा :
बिहार राज्य जल परिषद द्वारा वार्ड संख्या एक से छह एवं वार्ड संख्या 13 से 19 तक के सभी सड़कों में पाइप लाइन बिछाया जाना है। बाकि बचे वार्डों का कार्य एजेंसी को करना है। इसके लिए टेंडर भी कर दिया गया था। परन्तु नगर परिषद के लचर व्यवस्था के कारण अभी तक पाइप लाइन का काम भी पुरा नही हो पाया है। इस सुस्ती के कारण शुद्ध पेयजल के लिए शहर वासियों को अभी और इतंजार करना पड़ सकता है। मालूम हो कि नगर की 60 हजार आबादी में 13 हजार 226 परिवार के हर घर में नल जल का कनेक्शन दिया जाना है। लेकिन स्थिति यह है कि विभिन्न वार्डों में पाइप को सड़कों पर ही यत्र-तत्र छोड़ दिया गया है।
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दूषित जल से बढ़ रही बीमारी :
दूषित जल के कारण शहरवासी कई प्रकार की बीमारी से भी ग्रसित हो रहे हैं। आयरण की अत्यधिक मात्रा रहने के कारण लोग पानी पीकर बीमार हो रहे है। आयरनयुक्त पानी के सेवन की वजह से लोग लिवर सम्बन्धी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। जिले के भूजल में आयरण की मात्रा तय मानक से तीन गुनी अधिक तक है।
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सीपेट के द्वारा गुणवत्ता की जांच कर ही पाइप लाइन बिछाया जा रहा है। तकनीकी परेशानी के कारण देरी हो रही है। कई जगह भूमि विवाद के कारण भी कार्य में अड़चन आ रही है। जल्द ही समस्याओं का निदान कर कार्य किया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक हर घर जल का नल योजना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
मनोज कुमार पवन
कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद, मधेपुरा