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यहां नाव से मिलती जीने की राह, अक्सर डूबती है जीवन की कश्ती

कटिहार। गंगा कोसी एवं महानंदा नदी से घिरे जिले की 1.5 लाख की आबादी नाव व चचरी पुल के सह

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 09:31 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 06:07 AM (IST)
यहां नाव से मिलती जीने की राह, 
अक्सर डूबती है जीवन की कश्ती
यहां नाव से मिलती जीने की राह, अक्सर डूबती है जीवन की कश्ती

कटिहार। गंगा, कोसी एवं महानंदा नदी से घिरे जिले की 1.5 लाख की आबादी नाव व चचरी पुल के सहारे आवागमन करती है। मनिहारी, अमदाबाद एवं कुरसेला प्रखंड के किसान खेतीबारी के काम से हर रोज डेंगी नाव से दियारा जाने व आने का काम करता है। पशु आहार के लिए भी छोटी नावों का उपयोग किया जाता है। नदियों के किनारे बसे गांव में अधिकांश निजी नावों का परिचालन बिना निबंधन ही किया जाता है। इसी नाव से लोगों की जिदगी से जुड़ी है। जीने की राह इसी नाव व नदी के बीच ही है। इसी दौरान बीच-बीच में दुर्घटनाएं भी होती है और लोग असमय काव कलवित होते हैं। दियारा में खेती के चलते नित्य दर्जनों डेंगी नाव से किसान व मजदूर गंगा व कोसी को नापते हैं। 1068 का निबंधन, दर्जनो का परिचालन बिना रजिस्ट्रेशन के

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जिले में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर गंगा, कोसी व महानंदा नदी में परिचालित होने वाली नाव हादसे का सबब बन रही है। नौका नियमावली 2011 के प्रावधान के तहत नदियों में परिचालित होने वाली किसी भी तरह के यात्री व मालवाहक नाव का परिवहन विभाग से निबंधन होना जरूरी है। इसके साथ ही नाव पर भार क्षमता एवं निबंधन संख्या को नाव मालिक या नाविक द्वारा अंकित करना अनिवार्य किया गया है। नाव परिचालन के लिए विभागीय स्तर से घाट को भी चिन्हित किया गया है। लेकिन दर्जनों नाव प्रतिदिन अवैध तरीके से बिना निबंधन परिचालित की जा रही है। सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर सूर्यास्त के बाद भी नदियों में नाव का परिचालन किया जाता है। विभागीय जानकारी के मुताबिक जिले में 1068 नावों का निबंधन अब तक किया गया है। इसमें यात्री नावों की संख्या 1005 तथा मालवाहक नावों की संख्या 63 है। मनिहारी एवं अमदाबाद प्रखंड में निबंधित नावों की संख्या से सबसे अधिक है। राज्य में सबसे अधिक नाव निबंधन में पटना, खगड़िया, बेगूसराय एवं कटिहार जिला शामिल है। बताते चलें कि गुरूवार को कुरसेला के समीप गुमटीटोला में नाव हादसे में नाव पर सवार सात लोगों की तलाश की जा रही है। नाव पर दियारा से तरबूज लाया जा रहा था। पूर्व में भी हो चुका है नाव हादसा

मनिहारी, कुरसेला एवं बरारी में पूर्व में भी नाव दुर्घटना में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मनिहारी के बाघमारा के समीप गंगा नदी में हुई नाव दुर्घटना में चार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। बरारी प्रखंड में एक वर्ष पूर्व नाव हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी। सात माह पूर्व महानंदा नदी में बंगाल से आ रही नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में बारसोई अनुमंडल क्षेत्र के दो लोगों की मौत हो गई थी।


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