महिलाओं में भी कम नहीं है पंचायत चुनाव की खुमारी
कटिहार। आ•ामनगर प्रखंड अंतर्गत पंचायत चुनाव की खुमारी महिलाओं के सिर चढ़ कर बोल रही है। पंचायत चुनाव में महिलाओं को आरक्षण मिलने के बाद से ही महिलाओं में नेता बनने का नशा बढ़ता जा रहा है।
कटिहार। आ•ामनगर प्रखंड अंतर्गत पंचायत चुनाव की खुमारी महिलाओं के सिर चढ़ कर बोल रही है। पंचायत चुनाव में महिलाओं को आरक्षण मिलने के बाद से ही महिलाओं में नेता बनने का नशा बढ़ता जा रहा है। प्रखंड के कई पंचायतों में कई पदों पर महिला आरक्षण है। जिसके कारण पिछली बार 28 में से 14 पंचायतों की मुखिया सीट पर आधी आबादी का दबदबा कायम रहा। सालमारी, महेशपुर,आलमपुर,खुड़ियाल,शीतलपुर जैसे प्रमुख पंचायतों में महिला मुखिया पद पर काबिज रहीं। वहीं एक दर्जन से ज्यादा पंचायत में न्याय की पगड़ी भी महिलाओं के सिर सजी। इसके अलावा आजमनगर में प्रखंड प्रमुख की सीट भी महिलाओं के खाते में है। जिसके कारण स्थानीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका के साथ सक्रियता भी बढ़ी है।
वोटिग प्रतिशत भी महिलाओं का रहता है अव्वल
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आजमनगर में पंचायत चुनाव में महिलाओं की भूमिका मतदाता के रूप में भी अव्वल है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं मतदान को लेकर ज्यादा सक्रिय रहती हैं। फलाफल मतदान के दिन कतार में महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा कहीं ज्यादा रहती है। इसका बड़ा कारण पुरुषों का रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में प्रवास भी है। बिरले घर है, जहां से कोई पुरुष परदेश में प्रवास नहीं करता हो। ऐसे में वोटिग में भी महिलाओं का दबदबा रहता है। अबकी फिर मुखिया पद के लिए कई महिलाएं चुनावी मैदान में दम आजमाने की तैयारी में है। जो राजनीति का मजा चख चुकी हैं, वे पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा जोश में चुनाव की तैयारी में जुटी है। वार्ड सदस्य,पंचायत समिति सहित जिला परिषद जैसे बड़े पदों के लिए भी कई महिलाएं दिन-रात मेहनत कर रहीं है।