Bihar: कटिहार में जमकर हो रहा मिट्टी का अवैध खनन, ऊंचे दामों पर बंगाल के ईंट भट्ठों तक पहुंचाई जा रही खेप
Bihar अवैध रूप से नदी किनारे व किसानों से लीज पर ली गई जमीन से मिट्टी खनन का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। बलरामपुर अमदाबाद एवं प्राणपुर में बड़े पैमाने पर रात के अंधेरे में जेसीबी से मिट्टी का खनन कर बंगाल तक भेजी जा रही है।
नीरज कुमार, कटिहार: अवैध रूप से नदी किनारे व किसानों से लीज पर ली गई जमीन से मिट्टी खनन का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। बलरामपुर, अमदाबाद एवं प्राणपुर में बड़े पैमाने पर रात के अंधेरे में जेसीबी से मिट्टी का खनन कर ट्रक व ट्रैक्टर से सीमा पार कराकर इसे बंगाल तक भेजा जा रहा है। नदी किनारे सरकारी जमीन से भी बिना खनन विभाग की अनुमति के मिट्टी का खनन किया जा रहा है।
बंगाल के ईंट भट्ठों में ईंट पाथने में स्थानीय मिट्टी की मांग अधिक है। स्थानीय स्तर पर बेचने के साथ ही बंगाल के ईंट भट्ठों तक मिट्टी पहुंचाई जाती है। जानकारी के मुताबिक, एनएच 81 को बंगाल में एनएच 34 से जोड़ने के लिए बंगाल क्षेत्र में मिट्टी भराई के लिए वहां की एक कंपनी को मिट्टी खनन की अनुमति मिली है, लेकिन संबंधित कंपनी द्वारा तीन से चार मीटर तक मिट्टी का खनन किया जा रहा है, जबकि दो मीटर मिट्टी ही काटी जा सकती है।
माफियाओं ने बना रखा है प्लान, ऐसे करते हैं अवैध खनन
ईंट भट्ठा में मिट्टी के उपयोग के लिए डेढ़ मीटर तक मिट्टी का खनन भू स्वामी की अनुमति से किया जा सकता है। बशर्ते की जमीन लाल कार्ड व भूदान की नहीं हो। माफिया पर नकेल कसने को लेकर हाल ही में खनन विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई थी। बावजूद इसके बिना रोक-टोक मिट्टी का खनन किया जा रहा है। प्राणपुर के बाबुपुर, लाभा के समीप रात के अंधेरे में जेसीबी से मिट्टी का खनन कर ट्रक व हाइवा से सीमा पार करा पश्चिम बंगाल तक भेजी जा रही है। लाभा के समीप पुलिस व मद्य निषेध चेकपोस्ट भी है। रात के समय चेकपोस्ट होकर मिट्टी लदे वाहनों को आसानी से पार करा लिया जाता है।
अमदाबाद प्रखंड में भी बड़े पैमाने पर मिट्टी की कटाई की जा रही है। चौकिया पहाड़पुर के समीप अवैधा रूप से मिट्टी का खनन कर बंगाल के ईंअ भट्टों तक भेजा जा रहा है। अन्य स्थानों पर मिट्टी का खनन कर स्थानीय बाजारों में बेची जाती है। बलरामपुर प्रखंड के शरीफनगर, महिशाल, लुत्तीपुर, किरोरा, बिजौल, भिमियाल में अवैध मिट्टी का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। बलरामपुर में मिट्टी का अवैध खनन कर स्थानीय ईंट भट्ठों में ही खपाया जाता है। बलरामपुर के ईंट भट्ठों में तैयार ईंट को पश्चिम बंगाल तक बेची जा रही है।
10 हजार रूपये प्रति हाईवा तक बंगाल में बिकती है मिट्टी
मिट्टी काटे जाने को लेकर स्थानीय किसानों से लीज पर जमीन ली जाती है। इस एवज में किसानों को प्रति एकड़ छह से सात हजार का भुगतान किया जाता है। नियम के मुताबिक, निजी जमीन पर भी तीन फीट से अधिक मिट्टी नहीं काटी जा सकती है। मिट्टी माफिया द्वारा पांच से छह फीट तक मिट्टी का खनन किया जाता है। बंगाल के ईंट भट्ठों में प्रति हाइवा 10 हजार की दर से मिट्टी को बेचा जाता है। स्थानीय स्तर पर पांच हजार रूपया प्रति हाइवा तक मिट्टी बेची जाती है।
ईंट पाथने में दोमट मिट्टी की होती है मांग
स्थानीय स्तर नदी किनारे दोमट मिट्टी व बालू मिट्टी बहुतायत मिलती है। बालू मिट्टी का उपयोग गड्ढानुमा जमीन की भराई में अधिक किया जाता है। वहीं, दोमट मिट्टी की मांग ईंट भट्ठा में अधिक होता है। इसी खासियत के कारण स्थानीय मिट्टी की डिमांड बंगाल के ईंट भट्ठों में होती है।
अवैध रूप से मिट्टी खनन की शिकायत मिलने पर विभागीय स्तर से कार्रवाई की जाती है। हाल ही में प्राणपुर में खनन विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है। कुछ एजेंसी को निर्माण कार्य के लिए मिट्टी खनन की एनओसी दी गई है। निर्धारित मानक से अधिक मिट्टी खनन की शिकायत मिलने पर जांच के बाद प्राविधान के तहत कार्रवाई की जाएगी। - आकांक्षा प्रियदर्शी, जिला खनन पदाधिकारी, कटिहार