इस सावन पूर्णिमा पर अलग अंदाज में दिखेगा मिनी बाबाधाम
कटिहार। आजमनगर प्रखंड स्थित मिनी बाबाधाम के तौर पर चर्चित गोरखनाथ धाम इस सावन पूर्णिमा पर अल
कटिहार। आजमनगर प्रखंड स्थित मिनी बाबाधाम के तौर पर चर्चित गोरखनाथ धाम इस सावन पूर्णिमा पर अलग अंदाज में दिखेगा। बता दें कि वर्ष 2013 में चुनावी दौड़े के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसीत करने की घोषणा की थी। इसके लिए एक करोड़ 23 लाख की राशि आवंटित हुई थी। लेकिन कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पाई थी। लेकिन इस बार एक बार फिर से निर्माण कार्य जोर शोर से शुरू किया गया है। सावन पूर्णिता तक कार्य पूर्ण कराकर इसे पर्यटन स्थल के तौर पर तैयार कर लिया जाएगा।
बता दें कि श्वेत शिवलिग वाला यह मंदिर क्षेत्र की धरोहर है। सावन के महीने में बिहार सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल, पश्चित बंगाल, झारखंड सहित विभिन्न क्षेत्र से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। सावन पूर्णिमा के दिन यहां लगभग डेढ़ लाख कांवरिया जलाभिषेक करते हैं। जबकि पूरा सावन यहां कांवरिया देवघर के तर्ज पर जलाभिषेक करते हैं। पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर के सौंदर्यीकरण का कार्य परवान पड़ है। बता दें कि सात वर्षों से मंद गति से चल रहे निर्माण कार्य के कारण लोग उम्मीद छोड़ने लगे थे, लेकिन मंदिर समिति ने भी इस बार निर्माण पूर्ण होने की संभावना जताई है।
पर्यटन स्थल की हुई शुरुआत में मिलेंगे रोजगार के अवसर :
बता दें कि मंदिर की अलौकिक छटा आकर्षक का केंद्र है। मुख्य रूप से श्वेत शिवलिग वाला यह क्षेत्र का इकलौता मंदिर है।पर्यटन स्थल के तौर पर विकसीत होने पर यहां लोग पहुंचेंगे और रोजगार का नया अवसर मिलेगा। बता दें कि 2013 के चुनावी सफर में बाबा के दरबार में पहुंचे मुख्यमंत्री ने यहां की संभावना को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसीत करने का वादा किया था। पर्यटन विभाग द्वारा एक करोड़ 23 लाख की लागत से कार्य आरंभ भी हुआ पर कार्य एजेंसी की लापरवाही से विकास की रफ्तार धीमी रही। मंदिर समिति के सचिव पिटू यादव व सक्रिय सदस्य अक्षय सिंह ने बताया कि कार्य एजेंसी पर लगातार दवाब बनाया गया है। सामुदायिक शौचालय, स्नानागार, चारदीवारी व परिसर का पक्कीकरण कार्य शेष है जो श्रावण पूर्णिमा तक पूर्ण कर दिया जाएगा।
मनरेगा से संभावित है सौंदर्यीकरण कार्य :
बताते चले कि गत वर्ष जिलाधिकारी के निर्देश पर मनरेगा द्वारा बाबा गोरखनाथ धाम के सौंदर्यीकरण को ले एक मैनुअल कार्य योजना बनाई गई थी पर उस योजना को अमल में नहीं लाया जा सका है। संदर्भ में कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि कार्य योजना व पर्यटन विभाग द्वारा जारी कार्यों में काफी समानता थी। जिसके कारण कार्य योजना को स्वीकृति नहीं मिली। पर्यटन विभाग द्वारा कार्य पूर्ण होने के बाद मनरेगा से कार्यों की संभावना शेष रही तो सौंदर्यीकरण कार्य कराया जा सकता है।