28 किलोमीटर का सौ रुपये किराया
कटिहार। कोरोना का कहर आम आदमी को कई रुपों में झेलना पड़ रहा है। लॉकडाउन के
कटिहार। कोरोना का कहर आम आदमी को कई रुपों में झेलना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण सवारी ट्रेनों के रद रहने व बस आदि के नहीं चलने से आम आदमी के लिए कहीं आना-जाना मुश्किल हो गया है। लोगों की इस परेशानी का ऑटो चालक भी फिलहाल जमकर फायदा उठा रहे हैं। यद्यपि ऑटो चालकों का अपना तर्क है। उनका कहना है कि प्रशासन ने सवारी की संख्या निर्धारित कर दी है। डीजल के दाम भी बढ़ गए हैं। ऐसे में ज्यादा किराया नहीं लेने पर ऑटो चलाना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा। यद्यपि अधिकांश ऑटो में यात्रियों की तय संख्या का विरले ही ध्यान रखा जा रहा है। फिलहाल यात्रियों के जेब पर पड़ रहे इस डाका से जिला परिवहन या तो अनभिज्ञ है या फिर जानबुझकर अनभिज्ञ बना हुआ है।
कटिहार से मनिहारी की 28 किलोमीटर तो गेड़ाबाड़ी की 20 किलोमीटर है दूरी लॉकडाउन के बीच किराया को लेकर सबसे ज्यादा किचकिच कटिहारी-मनिहारी रुट पर है। दरअसल कटिहार से मनिहारी की दूरी महज 28 किलोमीटर है। इस दूरी के लिए ऑटो चालकों द्वारा एक व्यक्ति का किराया सौ रुपये लिया जाता है। इसी तरह कटिहार शहर से बीस किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित गेड़ाबाड़ी के लिए 50 से 60 रुपये किराए के रुप में लिया जाता है। इधर कटिहार से पूर्णिया की दूरी 30 किलोमीटर है और पूर्णिया का किराया 60 से 70 रुपये लिया जा रहा है। इसको लेकर अक्सर ऑटो चालक व यात्रियों के बीच अक्सर तू-तू, मैं-मैं की स्थिति पैदा हो जाती है।
क्या कहते हैं यात्री
सप्ताह में तीन से चार दिन इस रुट में सफर करने वाले सुनील पासवान ने कहा कि ऑटो चालक एक तो क्षमता से अधिक सवार बिठाते हैं, उस पर भी यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते हैं। उन्होंने कहा कि कटिहार से मनिहारी का किराया जबरन सौ रुपये वसूल किया जा रहा है। वही परमानंद यादव कटिहार से गेड़ाबाड़ी जाने पर भी 50 से 60 रुपये की मांग की जाती है। इतना ही नहीं ऑटो में क्षमता से अधिक यात्री भी बिठाया जाता है। रामू पासवान कहते हैं कि ऑटो को बगैर सैनिटाइज किए ही यात्रियों को बैठाया जाता हैं। इसी तरह पूर्णिया जाने के लिए 60 से 70 रुपये भुगतान करना पड़ता है। इसका विरोध करने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
क्या कहते हैं ऑटो चालक:
ऑटो चालक वशिष्ठ पासवान, बबलू पासवान, सुजित, हरेराम पासवान, रमेश्वर सहित अन्य चालक ने कहा कि लॉकडाउन के कारण यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। कोरोना को लेकर कम यात्रियों को बिठाने का भी निर्देश है। इधर डीजल के दाम में भी वृद्धि हो गई है। इन कारणों से ऑटो चालकों के समक्ष आर्थिक संकट भी पैदा होने लगा हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या के अनुसार भाड़ा लिया जाता हैं। उन्होंने कहा कि तीन सवारी बैठाने पर मनिहारी का किराया सौ रुपये लिया जाता है। सवारी बढ़ने पर किराया उसी अनुरुप घटा लिया जाता है।