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वार्ता के बाद भी सुलझ नहीं पा रहा दियारा का सीमांकन का विवाद

- मामला मनिहारी व साहेबगंज के बीच 540 एकड़ जमीन विवाद का -----------------------------------

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:48 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 01:48 AM (IST)
वार्ता के बाद भी सुलझ नहीं पा रहा दियारा का सीमांकन का विवाद

- मामला मनिहारी व साहेबगंज के बीच 540 एकड़ जमीन विवाद का

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जागरण संवाददाता, कटिहार: जिले के मनिहारी व पड़ोसी राज्य झारखंड के साहेबगंज जिले के बीच दियारा इलाके की 540 एकड़ जमीन विवाद का मामला सीमांकन नहीं होने से अटका पड़ा है। एक माह पूर्व कटिहार व साहिबगंज जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों के बीच सीमांकन को लेकर बैठक भी हुई। बैजनाथपुर मौजा की जमीन पर जिला प्रशासन ने अपना दावा भी जताया। बैठक में सीमांकन विवाद सुलझाने पर भी सहमति बनी। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल शुरू नहीं हो पायी है। जमीन विवाद का मामला उच्च न्यायालय भी पहुंचा। कुछ माह पूर्व न्यायालय द्वारा इस मामले में जिला प्रशासन से जांच रिपोर्ट भी मंगाई गई थी। लेकिन मामला दो राज्यों के बीच का होने के कारण सीमांकन में पेंच फंसता जा रहा है। बताते चलें कि दियारा की 540 एकड़ जमीन पर दोनों ओर के किसान अपनी- अपनी दावेदारी कर रहे हैं। सीमांकन नहीं होने से अस्थायी रूप से सीमा चिन्हित किए जाने का काम किया जाता है। मनिहारी के बैद्यनाथपुर एवं साहेबगंज के कारगिल दियारा इलाके की जमीन के सीमांकन को लेकर मामला सबसे अधिक उलझा हुआ है। जमीन विवाद का मामला सुलझाने को लेकर कटिहार व साहेबगंज जिले के वरीय अधिकारियों की दो बार बैठक भी हुई। लेकिन विवाद सुलझ नहीं पाया। मामला न्यायालय तक पहुंचने के कारण वरीय अधिकारी इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट रूप से बताने से इंकार करते हैं। सीमांकन नहीं होने से बढ़ रही गैंगवार की घटना

दियारा इलाके की जमीन का सीमांकन नहीं होने से दियारा में सक्रिय अपराधी गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है। दोनों ओर के किसानों को संरक्षण देने के नाम पर आपसी झड़प व गैंगवार की घटना बढ़ रही है। विवादित जमीन पर अपना दावा जताने एवं कृषि कार्य को लेकर किसान दियारा में सक्रिय अपराधियों का संरक्षण लेने को मजबूर होते हैं। इस एवज में अपराधी गिरोह किसानों से लेवी वसूलने का काम करता है। विषम भौगोलिक स्थिति के कारण अपराधी गिरोह पर नकेल कसना भी पुलिस के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। वहीं सीमांकन नहीं होने का लाभ भी अपराधी गिरोहों को मिल रहा है। गैंगवार की घटना होने के बाद दोनों जिलों की पुलिस सीमा क्षेत्र दूसरे राज्य का होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इस कारण हिसंक झड़प की कई घटना पुलिस के सामने भी नहीं आ पाती है।


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