Move to Jagran APP

शायरी में परचम लहरा रहा मजदूर का बेटा शम्स तबरेज

- मुशायरा व कवि सम्मेलन के मंच पर मनवा चुका प्रतिभा का लोहा ---------------------------------

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 12:54 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:38 AM (IST)
शायरी में परचम लहरा रहा मजदूर का बेटा शम्स तबरेज

- मुशायरा व कवि सम्मेलन के मंच पर मनवा चुका प्रतिभा का लोहा

loksabha election banner

-------------------------------------------------------------

संवाद सूत्र, फलका (कटिहार) : प्रखंड के सालेहपुर गांव निवासी जलील शाह का पुत्र शम्स तबरेज शायरी में अपनी प्रतिभा का डंका बजा जा रहा है। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता सहित बड़े शहरों में आयोजित मुशारा व कवि सम्मेलन में देश के नामचीन शायरों और कवियों ने भी महज 21 वर्ष की उम्र में तबरेज की प्रतिभा को बखूबी सराहा है। तबरेज ने कई बड़े शायरों के साथ मंच साझा किया है। बेहतरी शायरी के लिए उसे कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। तबरेज की उपलब्धि पर परजिन सहित गांववाले भी गर्व करते हैं। राहत इंदौरी, जौहर कानपुरी, मनौव्वर राणा, चांदनी शबनम अंजू दास, हारूण रशीद जैसे ख्यातिप्राप्त शायरों के साथ मंच पर शायरी प्रस्तुत करने का मौका तबरेज ने कम उम्र में ही हासिल कर लिया है। मतलबी हो गया आदमी क्या करें, आज के दौर में दोस्ती क्या करें जैसी शायरी ने तबरेज को पचान दिलाई है। तबरेज कहते हैं कि उसके पिता ने मजदूरी कर पढ़ा लिखाकर इस काबिल बनाया। गांव में ही ट्यूशन कर आगे की पढ़ाई जारी रखी। शायरी में दिलचस्पी देख दोस्तों और बड़े भाई दाऊद तबरेज ने शुरूआती दौर में कवि सम्मेलन और मुशायरा में जाने के लिए पैसे की व्यवस्था की। तबरेज ने कहा कि राहत इंदौरी, अंजू दास कवि और शायर उनकी प्रेरणा हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.