विवि के रजत जयंती वर्ष को नजर अंदाज करना दुर्भाग्यपूर्ण : एआइएसएफ
संवाद सूत्र, मधेपुरा : बीएनएमयू प्रशासन की ओर से विवि के रजत जयंती वर्ष 2018-19 को नजरअंदाज कि
संवाद सूत्र, मधेपुरा : बीएनएमयू प्रशासन की ओर से विवि के रजत जयंती वर्ष 2018-19 को नजरअंदाज किए जाने पर एआइएसएफ के राज्य उपाध्यक्ष सह विवि प्रभारी हर्ष वर्धन ¨सह राठौर ने दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा की रजत जयंती किसी भी संस्था के ऐतिहासिक सफर की दास्तां होती है और उसे शानदार तरीके से मनाने की अपनी परम्परा भी रही है। वर्ष 1992 में स्थापित बीएन मंडल विश्वविद्यालय ने 10 जनवरी 2018 को अपने स्थापना के 25 वर्ष पूरे किए। लगातार विवादों से जुड़े होने के बाद भी सबको इस बात की उम्मीद थी की विश्वविद्यालय रजत जयंती को यादगार तरीके से मना कर अपने सफर को सम्मान देगा। एआइएसएफ ने रजत जयंती समारोह आयोजित करने के लिए कुलपति को मांगपत्र भी सौंपा था। उन्होंने कहा कि कुलपति ने विभिन्न मौकों पर लंबे-लंबे वादे कर रजत जयंती को ऐतिहासिक रूप से मनाने का संकल्प भी लिया था। लंबे चौड़े वादे के साथ कई कमेटी का गठन भी किया गया। लेकिन, रजत जयंती वर्ष गुजर जाने के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर से औपचारिक पहल मात्र भी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के नाम पर आनन-फानन में लाखों रुपए का वारा न्यारा हुआ। लेकिन साल भर में रजत जयंती के नाम पर एक आयोजन भी नहीं करा पाना कुलपति के कार्यशैली को सवालों के घेरे में लाता है। एआइएसएफ जिला सचिव मंडल सदस्य सौरभ कुमार और विवि नेता हिमांशु कुमार ने भी आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि रजत जयंती तक का सफर किसी के लिए आसान नहीं होता। लेकिन विभिन्न झंझावतों को झेलते हुए भी बीएन मंडल विश्वविद्यालय ने इस मुकाम को प्राप्त किया। लेकिन वर्तमान कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसको यादगार बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं करना विश्वविद्यालय की छवि को गर्त में ले जाने जैसा है।
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