Move to Jagran APP

ग्रामीणों ने बनवाया पुल, अजा वर्ग के साथी से करवाया उद्घाटन

कुदरा बाजार व रामपुर गांव के बीच दुर्गावती नदी पर बना है पुल - गाजे-बाजे के साथ हुए उद्घाटन के मौके पर जुटी कई गांव के लोगों की भीड़ संवाद सूत्र कुदरा कुदरा बाजार व रामपुर गांव के बीच दुर्गावती नदी पर ग्रामीणों द्वारा बनवाए गए पुल का गुरुवार को गाजे

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 05:46 PM (IST)
ग्रामीणों ने बनवाया पुल, अजा वर्ग के साथी से करवाया उद्घाटन

कुदरा बाजार व रामपुर गांव के बीच  दुर्गावती नदी पर  ग्रामीणों द्वारा बनवाए गए पुल का गुरुवार को गाजे-बाजे के साथ समारोह पूर्वक उद्घाटन किया गया। इस मौके पर नदी पुल के आसपास ग्रामीणों की काफी भीड़ जमा रही, जिनका उत्साह देखने लायक रहा। ग्रामीणों के बीच के ही एक आदमी रामपुर गांव के मुराली मुसहर ने दोपहर के करीब जैसे ही फीता काटकर नदी पुल का उद्घाटन किया, पूरा वातावरण करतल ध्वनि से गूंज उठा। इस मौके पर ग्रामीणों ने पुल निर्माण के दौरान खोदाई में नदी में मिली देवी प्रतिमा का पूजन और प्रसाद वितरण भी किया। इससे पहले उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर नदी पुल की रेलिग की तिरंगे के केसरिया, सफेद व हरे रंग से पुताई की गई थी तथा फूल पत्तियों से सजाया गया था। ध्वनि विस्तारक यंत्र पर बजने वाले देशभक्ति के गीत माहौल की गरिमा बढ़ा रहे थे। पुल का उद्घाटन करने वाले अजा ग्रामीण मुराली को फूलों की माला पहनाकर ग्रामीणों ने पहले उनका सम्मान किया। मुराली ने भी पुल का उद्घाटन करने के बाद इस सम्मान के लिए हाथ जोड़कर ग्रामीणों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि जिस प्रकार से प्रभु श्री राम ने वन में रहने वाले साधारण नर वानरों के सहयोग से सेतु बांध रामेश्वरम का निर्माण कराया था, वैसे ही अनुभूति दुर्गावती नदी पर बने पुल को देखकर हो रही है। इस मौके पर मौजूद नदी पुल के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले ग्रामीणों ने अपना नाम नहीं छपने का अनुरोध करते हुए कहा कि नदी पुल के निर्माण में प्रखंड की मेउड़ा, जहानाबाद  व डेरवां पंचायतों के सभी ग्रामीणों ने काफी सहयोग किया है। इसके निर्माण का श्रेय किसी एक व्यक्ति को न होकर सभी ग्रामीणों को है। ग्रामीण पिछले दो दशक से भी अधिक समय से राजनीतिज्ञों व अधिकारियों से नदी पुल की मांग करते रहे, लेकिन उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया। मंत्री से लेकर सांसद व विधायक तक सबसे जनता ने मांग की, लेकिन किसी ने जनता की उम्मीद को पूरा नहीं किया। इसलिए मजबूर होकर जनता ने खुद अपने श्रमदान व चंदे से नदी पुल का निर्माण किया। जिसमें सरकारी स्तर पर कोई भी सहयोग नहीं मिला। इसलिए इसका उद्घाटन किसी राजनीतिज्ञ अथवा अधिकारी से न करा कर समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े साथी ग्रामीण से करवाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि नदी पुल का नामकरण कुदरा के महान सिद्ध संत बाबा अड़गड़ नाथ के नाम पर किया गया है। जिनकी स्मृति से ग्रामीण जनता इस दुष्कर कार्य के लिए प्रेरणा पाती रही। बाबा अड़गड़ नाथ पूर्व काल में कुदरा में दुर्गावती नदी के तट पर अवस्थित मंदिर के महंत थे तथा उनके बारे में किवदंती है कि वे दुर्गावती नदी के पानी के ऊपर से खड़ाऊ पहनकर चलते हुए इस पार से उस पार चले जाते थे। ग्रामीणों ने बताया कि नदी पुल 34 पिलर पर खड़ा है। यह करीब 250 फीट लंबा, 13 फीट चौड़ा और 14 फीट ऊंचा है। इसकी ऊंचाई इतनी अधिक है कि नदी में बाढ़ आने पर भी यह पानी में नहीं डूबेगा। उन्होंने बताया कि इसके बन जाने से कुदरा, रामपुर व भभुआ प्रखंडों के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.