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कैमूर के धोबहां गांव के विद्यालय तक आने-जाने को रास्ता नहीं

सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए गांव-गांव में स्कूल का संचालन करा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 11:03 PM (IST)
कैमूर के धोबहां गांव के विद्यालय तक आने-जाने को रास्ता नहीं
कैमूर के धोबहां गांव के विद्यालय तक आने-जाने को रास्ता नहीं

कैमूर। सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए गांव-गांव में स्कूल का संचालन करा रही है। लेकिन स्कूलों के संचालन में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। अक्सर पदाधिकारियों की जांच में कुछ कमी सामने आती रहती है। लेकिन प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है जहां आने-जाने के लिए रास्ता नहीं है। मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय धोबहां का है। जहां छात्रों को विद्यालय में जाने के लिए रास्ता नहीं है। छात्र पिछले चार सालों से रास्ते के अभाव में तालाब के पगडंडी के सहारे विद्यालय आ-जा रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक परमानंद सिंह ने इसकी जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पूर्व में ही दे दी थी। जानकारी होने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई कदम नहीं उठाने पर ग्रामीणों में आक्रोश हैं। छात्र तालाब के पगडंडी के सहारे दीवार पकड़ कर विद्यालय आते जाते हैं। कई बार छात्र विद्यालय जाते समय तालाब में गिर पड़ते हैं।

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एक बार एक बच्चे को डूबने से ग्रामीणों ने बचाया भी था। छात्रों के भविष्य को लेकर चितित ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देकर विद्यालय बंद करने की मांग की है। अभिभावकों ने कहा कि विद्यालय में पढ़ाई जारी रहेगी तो छात्र पढ़ने जाएंगे। अभिभावकों के दबाव के बीच प्रधानाध्यापक परमानंद सिंह ने बीडीओ बीईओ को आवेदन देकर मामले से अवगत करा दिया है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि ऐसे हालात में विद्यालय में पठन पाठन जारी रखना असंभव है। उन्होंने अधिकारियों से तुरंत निर्णय लेने की मांग की। इस संबंध में बीईओ बाबूलाल साहनी ने कहा कि आवेदन मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी।

290 छात्र-छात्राएं हैं नामांकित

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धोबहां में कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 290 है। प्रधानाध्यापक को लेकर छह शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों में दो महिला शिक्षक मीना कुमारी एवं शाहजहां खातून हैं। मीना कुमारी ने कहा कि विद्यालय आने जाने में बहुत परेशानी होती है। कभी कभी ग्रामीणों के सहयोग से रास्ते की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि चार महीना पहले बीडीओ एवं अंचलाधिकारी निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को आश्वासन भी दिया था, लेकिन रास्ते का मरम्मत नहीं कराया गया।

विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था नहीं:

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धोबहा में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। विद्यालय में लगाया गया चापाकल बंद पडा है। नल से जल विद्यालय में आता नहीं है। छात्र पानी के लिए भागकर घर जाते हैं। 20 अक्टूबर को पंचायत चुनाव होना है। पंचायत चुनाव में दो मतदान केंद्र पर कुल 716 मतदाता वोट डालेंगे। दो मतदान केंद्र होने के बाद भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। धोबहां गांव के ग्रामीणों ने कहा की पेयजल एवं रास्ते के लिए मुखिया बीडीओ डीईओ सांसद विधायक से गुहार लगा कर थक चुके हैं। लेकिन न पेयजल की व्यवस्था हुई और न ही रास्ते की।


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