वारंटी बकाएदारों से राशि वसूलने की गति धीमी
जिले में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋणधारकों द्वारा राशि लेने के बावजूद ससमय राशि की वापसी नहीं की जा रही है। इसको लेकर नीलाम पदाधिकारी द्वारा नीलाम पत्र वाद के मामले में राशि वसूली को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी करने की कार्रवाई की गई है। लेकिन राशि वसूली के मामले में पुलिस द्वारा शिथिलता बरतने के कारण राशि वसूली के क्रियान्वयन में तेजी नहीं आ पा रही है। जिससे बड़े बकाएदारों से राशि वसूली की गति काफी धीमी है।
जिले में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋणधारकों द्वारा राशि लेने के बावजूद ससमय राशि की वापसी नहीं की जा रही है। इसको लेकर नीलाम पदाधिकारी द्वारा नीलाम पत्र वाद के मामले में राशि वसूली को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी करने की कार्रवाई की गई है। लेकिन राशि वसूली के मामले में पुलिस द्वारा शिथिलता बरतने के कारण राशि वसूली के क्रियान्वयन में तेजी नहीं आ पा रही है। जिससे बड़े बकाएदारों से राशि वसूली की गति काफी धीमी है।
इसको लेकर जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी द्वारा स्मार पत्र भेज कर पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया गया है कि न्यायालय में चल रहे नीलाम पत्र वादों से संबंधित देनदारों के विरुद्ध राशि की वसूली हेतु गिरफ्तारी वारंट क्रियान्वयन के लिए भेजा गया था। लेकिन निर्गत वारंटों में से लंबित वारंटों का क्रियान्वयन नहीं होने के कारण संबंधित नीलाम पत्र वादों के निष्पादन एवं राशि की वसूली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पदाधिकारी ने अपने लिखे पत्र में एसपी से अनुरोध किया है संबंधित थानाध्यक्षों को निर्गत गिरफ्तारी वारंट का अविलंब क्रियान्वयन कराने की बात कही है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी अमरेश कुमार अमर ने कहा कि जिले के सभी प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत लोगों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकों से राशि ली गई है। लेकिन ली गई राशि की अदायगी ससमय नहीं किए जाने के कारण नीलाम पत्र वाद की कार्रवाई के तहत गिरफ्तारी वारंट के क्रियान्वयन की प्रक्रिया तेजी से शुरू की गई है। जिसके चलते कई बकाएदारों ने राशि जमा की है। लेकिन अभी भी काफी संख्या में बकाएदारों द्वारा गिरफ्तारी वारंट होने के बावजूद भी राशि नहीं जमा की जा रही है। बता दें कि वर्तमान नीलाम पत्र पदाधिकारी के कार्यकाल में 96 वैसे बकाएदार जिनके द्वारा राशि लेकर जमा नहीं किए जाने के मामले में कार्रवाई की जा रही है। जिनके ऊपर तीन करोड़ 34 लाख से अधिक की राशि बकाया है। वहीं दूसरी तरफ जिले के 44 वैसे बड़े राइस मिलर जिनके ऊपर सरकार का 44 मिलरों के ऊपर लगभग दस करोड़ रुपया बकाया है। जिसकी वसूली के लिए कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ की गई है।