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Road Accident in Kaimoor: सड़क हादसे में एक साथ पिता-पुत्र की मौत, ट्रैक्‍टर के नीचे दब गए दोनों

कैमूर जिले के नुआंव प्रखंड में बुधवार सुबह ट्रैक्‍टर पलटने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। दोनों धान का बोझा लाने के लिए अपने ट्रैक्‍टर से जा रहे थे इसी दौरान हादसा हो गया। घटना की खबर से मातम पसर गया है।

By Jagran NewsEdited By: Vyas ChandraPublished: Wed, 30 Nov 2022 03:05 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 03:05 PM (IST)
Road Accident in Kaimoor: सड़क हादसे में एक साथ पिता-पुत्र की मौत, ट्रैक्‍टर के नीचे दब गए दोनों
घटनास्‍थल पर पलटा ट्रैक्‍टर और लोगों की भीड़। जागरण

नुआंव (कैमूर), संवाद सूत्र। कैमूर जिले के नुआंव प्रखंड के कुढ़नी क्षेत्र में करमहरी मोड़ के पास बुधवार को दर्दनाक सड़क हादसे में पिता-पुत्र की मौत हो गई। हादसा ट्रैक्‍टर पलटने से हुआ। मृतकों में कुढ़नी गांव निवासी महाति‍म सिंह (40 वर्ष) व पुत्र छोटे लाल कुमार (14 वर्ष) शामिल हैं। घटना की खबर से कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को पोस्‍टमार्टम के लिए सदर अस्‍पताल भेज दिया। 

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पेट्रोल पंप से लौटते समय हो गया हादसा 

जानकारी के अनुसार महातिम सिंह अपने पुत्र छोटेलाल के साथ पेट्रोल पंप जा रहे थे। वहां से उन्‍हें धान का बोझा लोड करने जाना था। ट्रैक्‍टर पिता चला रहे थे। बेटा बगल में बैठा हुआ था। दोनों ट्रैक्‍टर में तेल भरवाने के बाद धान का बोझा लाने के लिए जा रहे थे। इसी दौरा करमहरी मोड़ के पास ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया और पलट गया। इसके नीचे पिता-पुत्र दब गए। ट्रैक्‍टर पलटा देख लोग दौड़े लेकिन पिता-पुत्र की मौत हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची कुढ़नी थाना की पुलिस ने पिता-पुत्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना की सूचना मिलने की कुढ़नी गांव में कोहराम मच गया। स्वजनों के विलाप से माहौल गमगीन हो गया। एकसाथ पिता-पुत्र की हृदयविदारक मौत से गांव के लोग भी काफी मायूस थे। 

हादसे की खबर से सन्‍न रह गए लोग 

सड़क हादसे की ये खबर जिसने भी सुनी सन्‍न रह गया। लोग घटनास्‍थल की ओर दौड़े पड़े। ग्रामीणों का कहना था कि पिता को छोटेलाल काफी सहयोग करता था। यही कारण था कि वे जहां भी जाते, उसे लेकर जाते थे। लेकिन इस बार उनकी यह यात्रा अंतिम रह गई। पति और बेटे की एक साथ हुई मौत के बाद महातिम सिंह की पत्‍नी बेसुध हो गईं थी। चित्‍कार कर वे बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। ढाढ़स बंधाने वालों का सब्र भी टूट जा रहा था।  


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