रामगढ़ प्रखंड में तीनों नदियां उफनाईं, सैकड़ों बीघे खेत में लगी फसल डूबी
तीन दिनों से क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश से नदियां उफना गई है। लगातार नदियों के जलस्तर में वृद्धि से भयंकर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दुर्गावती कर्मनाशा व कुदरा तीनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से कई गांवों का संपर्क भी सड़क मार्ग से कट गया है। जबकि सैकड़ों एकड़ खेत में लगी किसानों की फसल भी डूब गई है। इसमें सबसे अधिक सब्जी की फसल का नुकसान हुआ है।
तीन दिनों से क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश से नदियां उफना गई है। लगातार नदियों के जलस्तर में वृद्धि से भयंकर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दुर्गावती, कर्मनाशा व कुदरा तीनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से कई गांवों का संपर्क भी सड़क मार्ग से कट गया है। जबकि सैकड़ों एकड़ खेत में लगी किसानों की फसल भी डूब गई है। इसमें सबसे अधिक सब्जी की फसल का नुकसान हुआ है।
नदी के दोनों तरफ सिवाना में लगा सब्जी का पौधा पानी में डूबकर नष्ट हो गया है। गोभी, बैगन के डाले गए हाइब्रिड के महंगे बीज को भी पानी ने अपने आगोश में ले लिया है। इन पौधों के नष्ट होने के कारण सब्जी की महंगाई में वृद्धि संभव है। नेनुआ, लौकी, मूली, करैला, टमाटर, मिर्चा आदि सब्जियां भी बाढ़ की भेंट चढ गई हैं। इसमें सबसे अधिक नुकसान पनसेरवां दुर्गावती नदी के अंसी व डहरक मौजा में हुआ है। भटौली गांव के किसानों की कमर इस बाढ़ ने तोड़ दिया है। भटौली के किसान राजेंद्र चौधरी, रामबिलास चौधरी, जगन कुम्हार, सुखराम चौधरी, गोड़सरा के योगेंद्र कुशवाहा, रामाशंकर मल्लाह, छट्ठू मल्लाह, जमुरना के त्रिवेणी मल्लाह आदि किसानों ने बताया कि तीन लाख रुपये से अधिक का बीज नष्ट हुआ है। सब्जी के पौधे लाखों के इस बाढ़ में जलमग्न होकर नष्ट हो गए हैं। जबकि सैकड़ों बीघे खेत में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है। किसानों ने बताया कि इस बाढ़ के पानी से डूबी धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। कारण की धान रेड़ा में था या बाली निकल रही थी। अभी दो दिनों की बारिश से किसान धान को संजीवनी मिलने की बात कह खुशी के मारे फूले नहीं समा रहे थे की बाढ़ ने इनकी फसल को डूबो इनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है। इसके अलावा अंकोढ़ी, बंदीपुर, गोड़सरा, सदुल्लहपुर में भी बाढ़ से भारी क्षति होने की बात बताई जा रही है।