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सीबीआइ व ईडी के रडार पर रामगढ़ का जीबी कॉलेज

कैमूर। स्थानीय ग्राम भारती महाविद्यालय में नियुक्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की मुश्किलें क

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 11:16 PM (IST)
सीबीआइ व ईडी के रडार पर रामगढ़ का जीबी कॉलेज
सीबीआइ व ईडी के रडार पर रामगढ़ का जीबी कॉलेज

कैमूर। स्थानीय ग्राम भारती महाविद्यालय में नियुक्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकार के आदेश पर 22 करोड़ रुपये शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को भुगतान करने के बाद कॉलेज प्रशासन के लिए फिर समस्या खड़ी हो गई है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तल्ख टिप्पणी के बाद जांच सीबीआई व ईडी को करने का निर्देश मिलते ही कॉलेज प्रशासन के हाथ पांव फुलना शुरू हो गया है। सीबीआइ व ईडी के रडार पर ग्राम भारती महाविद्यालय के होने से कई तरह की आशंकाएं पैदा होने लगी है। दो दिनों से सीबीआई के निर्देश पर सभी इस अवधि से जुड़े भुगतान से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर स्क्रीनिग कर पटना सीबीआई दफ्तर में करने को लेकर कॉलेज कर्मी असमंजस में पड़े हुए हैं। एक- एक नियुक्ति से संबंधित फाइलों को सहेजने में लोग जुटे हुए हैं। यह मामला सीबीआइ व ईडी के संज्ञान में तब आया, जब इस कॉलेज के अधिकतर कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गये हैं। इसमें से कुछ लोगों का निधन भी हो गया है। 39 शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों में चार शिक्षक व 13 शिक्षकेत्तर कर्मचारी फिलवक्त पदस्थापित हैं। इन सभी लोगों के वेतन भुगतान से संबंधित मामलों की जांच शुरू हो गई है। जांच प्रक्रिया पूरी होने तक इन सभी लोगों के पेंशन पर भी रोक लगा दी गई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में तब गया, जब कुछ शिक्षकों ने वरीयता क्रम का हवाला देते हुए भुगतान में पक्षपात का आरोप लगाया था। और कहा था कि एक तिथि पर योगदान व दो तरह का भुगतान यह कहां की नीति है। जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआइ व ईडी से जांच कराने का निर्देश दे दिया। अब सीबीआई 1985 से भी कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की फाइलों को तलब करना शुरू कर दिया है। शपथ पत्र से लेकर योगदान व किस महीने में कितने दिन उपस्थिति। सबका ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश जीबी कॉलेज को दिया है।

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बताया जाता है कि 1996 में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अग्रवाल कमीशन द्वारा जांच में बिहार झारखंड के कई कॉलेजों के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की अहर्ता को सही नहीं ठहराया था। जिसमें रामगढ़ जीबी कॉलेज के 39 शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी भी थे। तब इन सभी लोगों का वेतन भुगतान अगले आदेश तक बंद था। बीस वर्ष तक जब इन्हें वेतन नहीं मिला तो, इस मसले को लेकर पुन: सुप्रीम कोर्ट के डबल बेंच में सुनवाई हुई। जिसमें गठित एसबी सिन्हा कमीशन ने सभी शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन भुगतान देने का आदेश पारित कर दिया था। आनन - फानन में सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सरकार के द्वारा 22 करोड़ रुपये भुगतान हुआ। जिसमें वरीयता क्रम की अनदेखी हुई और पुन: मामला न्यायालय में विचाराधीन हो गया। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के साथ पूरे मामले की जांच सीबीआई व ईडी से कराने का निर्देश दिया। जिसको लेकर सीबीआई व ईडी जीबी कॉलेज को अपने रडार पे ले जांच शुरू कर दी है। - फोरेंसिक मशीन से भी होगी जांच

1985 से जांच का सिलसिला अब शुरू होने जा रहा है। महाविद्यालय में कितने शिक्षक का पद स्वीकृत व कितने शिक्षकेतर कर्मचारी का सब पर जांच होगी। इस फोरेंसिक जांच में उपस्थिति बनाने के तरीके व पंजी पर हस्ताक्षर की भी जानकारी मिल जाएगी कि कितने दिन कॉलेज में उपस्थित हैं। और किस दिन पर कर्मी व शिक्षक छुट्टी पर रहे है। इन सारे पहलुओं को खंगालने की बात शुरू हो गई है। बताया यह भी जा रहा है कि एक हस्ताक्षर स्कैन करने से नियुक्ति तक के हस्ताक्षर का रिपोर्ट मिल जाएगा। - जीबी कॉलेज के 39 कर्मी हैं इस दायरे में -

स्थानीय ग्राम भारती कॉलेज में कार्यरत 39 कर्मियों में से 13 शिक्षक लोगों के भुगतान के मामले में फिलहाल जांच शुरू हो गई है। सेवानिवृत्त शिक्षक य शिक्षकेतर कर्मचारी उनका पेंशन बंद कर दिया गया है। साथ ही कार्यरत अन्य लोगों का वेतन भुगतान जांच पूरी होने तक बंद कर दिया गया है। - क्या कहते हैं प्राचार्य

डॉ राधेश्याम सिंह ने इस संदर्भ में बताया कि ईडी व सीबीआइ दोनों की संयुक्त जांच शुरू हो गई है। 1996 से 2018 तक की अवधि में हुए भुगतान को लेकर सभी लोगों के पंजी को सीबीआई खंगाल रही है। संबंधित फाइलों की रिपोर्ट तैयार कर एक दो दिन में सीबीआई दफ्तर भेजा जाएगा।


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