प्रधानमंत्री ने पूर्व विधायक चंद्रमौली से फोनकर पूछा कुशलक्षेम
कैमूर। सन् 1969 में जनसंघ से भभुआ विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे चंद्रमौली मिश्र के यहां शनिवार की सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया। तब पूर्व विधायक ने प्रधानमंत्री से बात की और प्रधानमंत्री ने उनसे हालचाल पूछा।
कैमूर। सन् 1969 में जनसंघ से भभुआ विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे चंद्रमौली मिश्र के यहां शनिवार की सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया। तब पूर्व विधायक ने प्रधानमंत्री से बात की और प्रधानमंत्री ने उनसे हालचाल पूछा। जब इस बारे में पूर्व विधायक चंद्रमौली मिश्र से बात की गई तो उन्होंने बड़े ही उत्साह से जवाब दिया। कहा पहले प्रधानमंत्री के पीए ने फोन किया। नंबर अननोन था। पीए ने पूछा कि आप भभुआ से चंद्रमौली मिश्र बोल रहे हैं। तो मैंने हां कहा। तब पीए ने कहा कि आपसे प्रधानमंत्री जी बात करना चाहते हैं। यह सुन मेरे खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। प्रधानमंत्री ने फोन लेते ही हाल चाल पूछा।
पीएम ने कहा आप पुराने कार्यकर्ता हैं। पटना में कैलाशपति मिश्र के यहां आने-जाने में आपका नाम सुना है। आप जैसे पुराने कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ है। आपलोगों ने पार्टी को मजबूत बनाने में काफी सहयोग किया है। पूर्व विधायक ने बताया कि पीएम ने कहा कि कोरोना के चलते विश्व संकट में हैं। अपना देश कुछ बचा है। आपलोग सुरक्षित रहिए और लोगों को भी सुरक्षित रहने के लिए जागरूक कीजिए। वहीं पूर्व विधायक ने प्रधानमंत्री से कहा कि आपका नेतृत्व अच्छा है। हमलोग मनाते हैं कि हमेशा आपका नेतृत्व मिले और देश के लिए अच्छा कार्य हो। फोन रखने से कुछ देर पहले प्रधानमंत्री ने पूर्व विधायक से कहा कि आपलोग आशीर्वाद बनाएं रहिए ताकि देश की भलाई के लिए अच्छा कार्य कर सकूं। प्रधानमंत्री से बात करने पर पूर्व विधायक ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए जीवन का सबसे खास दिन है। मैं अपने को सौभाग्यशाली समझ रहा हूं कि 90 साल की अवस्था में प्रधानमंत्री ने मुझे याद किया है।
पूर्व विधायक चंद्रमौली मिश्र मूलत: यूपी के गोरखपुर के रहने वाले हैं। भभुआ जिले के खरेंदा गांव में ससुराल होने के बाद यहीं रहकर वे वकालत करते थे। सन् 1962 में जनसंघ से जुड़े और राजनीति में सक्रिय हो गए। इसी क्रम में वर्ष 1969 में जनसंघ से उन्होंने भभुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 1972 तक वे विधायक रहे। सरकार गिरने के बाद फिर चुनाव लड़े लेकिन सफलता नहीं मिली।